म्यूजियम: पांच करोड़ रुपये मिलने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम

18 माह से बंद है म्यूजियम का काम सितंबर में सरकार ने बदला था नाम

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:00 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:00 PM (IST)
म्यूजियम: पांच करोड़ रुपये मिलने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम
म्यूजियम: पांच करोड़ रुपये मिलने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम

आगरा,जागरण संवाददाता। उप्र सरकार ने आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम बदलने के छह माह बाद रुका काम शुरू करने को पांच करोड़ रुपये जरूर जारी किए थे, लेकिन इसके बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है। यहां 18 माह से काम बंद है। सरकार ने जितने पैसे जारी किए थे, उससे अधिक निर्माण एजेंसी का बकाया था। इसके चलते एक बार फिर शासन को धनराशि जारी करने को पत्र भेजा गया है।

ताजनगरी में शिल्पग्राम के नजदीक म्यूजियम निर्माणाधीन है। म्यूजियम का काम बजट के अभाव में जनवरी, 2020 से बंद पड़ा हुआ है। सपा सरकार में वर्ष 2016 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का नाम पहले मुगल म्यूजियम था। सितंबर, 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल की आनलाइन समीक्षा बैठक में इसका नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद उप्र पर्यटन ने इसके लिए शासनादेश जारी किया था। छह माह बाद मार्च के अंत में पांच करोड़ रुपये म्यूजियम के लिए जारी किए गए। इसके बावजूद म्यूजियम का काम रत्ती भर आगे नहीं बढ़ सका है। दरअसल, म्यूजियम का निर्माण कर रही कंपनी का पांच करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था।

राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि शासन को पैसा जारी करने के लिए पत्र भेजा गया है, जिससे कि म्यूजियम का काम पुन: शुरू किया जा सके। म्यूजियम के यह काम नहीं हो सके

म्यूजियम में मार्बल फ्लोरिग, वाल क्लेडिग, साइट डवलपमेंट, विद्युतीकरण, फायर फाइटिग सिस्टम व लिफ्ट का काम नहीं हो सका है। यहां बेसमेंट, ग्राउंउ फ्लोर व फ‌र्स्ट फ्लोर बनकर तैयार हैं। म्यूजियम: एक नजर

-पांच जनवरी, 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास।

-5.9 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है म्यूजियम।

-राजकीय निर्माण निगम ने टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया हुआ है निर्माण का जिम्मा।

-प्री-कास्ट टेक्नीक से बन रहा प्रदेश का पहला सरकारी भवन है।

-31 मई, 2017 तक काम किया जाना था पूरा।

-म्यूजियम की लागत 141.89 करोड़ रुपये आंकी गई थी। जीएसटी लागू होने व काम में विलंब होने से लागत बढ़कर 172 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

-अब तक 99 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च।

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