Mugal Museum: अब मुगल म्यूजियम नहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम कहिये, शासन की लगी मोहर
प्रमुख सचिव पर्यटन ने जारी किया आदेश। मुख्यमंत्री ने दिए थे नाम बदलने के निर्देश। अखिल भारतीय जाट महासभा ने म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल और महाराजा अग्रसेन यूथ बिग्रेड ने महाराजा अग्रसेन के नाम पर करने की मांग की थी।
आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम करने पर शासन ने मोहर लगा दी है। अब इसे सरकारी फाइलों और कागजों में इसी नाम से जाना जाएगा। अब यहां जनवरी से बंद चल रहे म्यूजियम निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद बंधी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा आगरा मंडल की समीक्षा बैठक की थी। उन्हाेंने आगरा में शिल्पग्राम के नजदीक 5.9 एकड़ जमीन में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए थे। इस पर आगरा में राजनीति शुरू हो गई थी। अखिल भारतीय जाट महासभा ने म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल और महाराजा अग्रसेन यूथ बिग्रेड ने महाराजा अग्रसेन के नाम पर करने की मांग की थी। शुक्रवार को पर्यटन विभाग को म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किए जाने का आदेश पत्र प्राप्त हुआ। 16 सितंबर को जारी हुए पत्र में मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम करने का जिक्र है। यह पत्र पूर्व प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार द्वारा जारी किया गया है। वर्तमान में प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम हैं।
उपनिदेशक पर्यटन अमित ने बताया कि आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम अब छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। विभागीय पत्र व्यवहार में इसी नाम का प्रयोग अब किया जाएगा।
जनवरी से बंद है काम
वर्ष 2015 में मुगल म्यूजियम के निर्माण की योजना बनी थी। पांच जनवरी, 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिलान्यास किया। मई, 2017 तक योजना पूरी की जानी थी। प्री-कास्ट टेक्नीक की वजह से म्यूजियम निर्माण में विलंब हुआ। विलंब की वजह से योजना की लागत बढ़कर 172 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जबकि 2016 में इसकी लागत 141.89 करोड़ रुपये थी। बढ़ी हुई लागत पर अभी स्वीकृति नहीं मिली है। म्यूजियम पर अब तक 94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। बजट नहीं मिलने से जनवरी से यहां काम बंद है।