Life Saver from Covid: मां बनाने वाला हार्मोन बना मददगार, कोरोना से प्राणरक्षा में रहा महिलाओं का सुरक्षा कवच
एसएन मेडिकल कालेज आगरा में 720 कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया गया अध्ययन। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मौत हुई कम। एस्ट्रोजन हार्मोन से कोरोना वायरस का रिसेप्टर हुआ ब्लाक। यह अध्ययन जर्नल आफ मिड लाइफ हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।
आगरा, अजय दुबे। मां बनाने वाले हार्मोन (एस्ट्रोजन) ने कोरोना से महिलाओं की जान बचा ली। कोरोना संक्रमित पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मौत कम हुई। एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कालेज में 720 कोरोना संक्रमित मरीजों पर हुए अध्ययन में सामने आया है कि एस्ट्रोजन हार्मोन ने कोरोना वायरस के रिसेप्टर को ब्लाक कर दिया। इससे जिन महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक था, उनकी जान बच गई। यही वजह है कि स्तनपान करने वाले शिशु भी यदि कोविड संक्रमित हुए तो सुरक्षित रहे।
यह अध्ययन एसएन मेडिकल कालेज में मार्च 2020 से सितंबर 2020 के बीच भर्ती हुए कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया गया। स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. रुचिका गर्ग ने बताया कि अध्ययन में शामिल कोरोना मरीजों में 427 पुरुष और 293 महिलाएं थीं। इनमें से 83 पुरुषों (19.43 फीसद) की मौत हुई, जबकि सिर्फ 33 महिलाएं (11.26 फीसद) दुनिया से विदा हुईं। महिला और पुरुषों के इलाज की गाइडलाइन एक ही थी। इन मरीजों की इलाज के दौरान शुगर के स्तर से लेकर हीमोग्लोबिन सहित अन्य जांच का आकलन किया गया। अध्ययन में सामने आया कि महिलाओं में पीरियड और गर्भधारण के लिए जरूरी एस्ट्रोजन हार्मोन ने कोरोना वायरस के रिसेप्टर को ब्लाक कर दिया। जिन महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर अच्छा था, उनके संक्रमित होने का खतरा कम रहा और संक्रमित होने पर लक्षण भी कम आए। पुरुषों में पाए जाने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (सेक्स हार्मोन) का कोरोना वायरस के रिसेप्टर पर कोई असर नहीं दिखा। इससे महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा संक्रमित हुए और मौत भी ज्यादा हुई। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला ने बताया कि यह अध्ययन जर्नल आफ मिड लाइफ हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।
रजोनिवृत्ति के बाद संक्रमित होने पर महिलाओं की मौत ज्यादा
स्टडी में महिलाओं के दो ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप में जिन महिलाओं के पीरियड आ रहे थे और मां बन सकती थीं। दूसरे ग्रुप में जिन महिलाओं के पीरियड बंद (रजोनिवृत्ति, मीनोपाज) हो गए। रजोनिवृत्ति में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इसलिए कोरोना संक्रमित 108 रजोनिवृत्त महिलाओं में से 17 (15.07 फीसद) की मौत हुई, जबकि दूसरे ग्रुप की 185 महिलाओं में से 16 (8.64 फीसद) की मौत हुई।