आगरा में सबसे ज्‍यादा महुआखेड़ा में हुए सरकारी जमीन पर कब्जे, शिकायतों ने खोली पोल

आगरा के इस गांव में डेढ़ हेक्टेअर है सरकारी जमीन। तहसील सदर प्रशासन के अफसर और लेखपाल की लापरवाही उजागर। सरकारी जमीन पर ही बेच दिए गए 10 से 15 लाख के प्‍लॉट। अब लोग दो से तीन मंजिला मकान बनाकर रह रहे हैं यहां।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 03:44 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 03:44 PM (IST)
आगरा में सबसे ज्‍यादा महुआखेड़ा में हुए सरकारी जमीन पर कब्जे, शिकायतों ने खोली पोल
आगरा में महुआखेड़ा में सरकारी जमीन पर कब्‍जे कर लिए गए हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। सरकारी जमीनों पर यूं ही कब्जे नहीं हो रहे हैं। उसमें तहसील सदर प्रशासन के अफसर और लेखपाल की भी लापरवाही रहती है। महुआखेड़ा गांव में भी कुछ ऐसा ही हुआ। डेढ़ हेक्टेअर जमीन पर कब्जा हो गया। लोगों ने मकान बना लिए और वहां पर निवास भी करने लगे लेकिन अफसरों ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया। शिकायतें होने के बाद अफसरों और लेखपाल की पोल खुल गई है। जमीन को खाली कराया जा रहा है। यह जमीन खसरा नंबर 534, 488, 491, 490 और 491 में है।

दो से तीन खंड के बन गए मकान: सरकारी जमीन पर कब्जा कर दो से तीन खंड के मकान बन गए हैं। यह कार्य एक दिन में नहीं हुआ है बल्कि इसमें तीन से पांच माह का समय लगा है। इसके बाद भी संबंधित नायब तहसीलदार और लेखपालों की नजर नहीं पड़ी। शिकायतकर्ता एसके गोयल का कहना है कि जमीन पर कब्जा होने में तहसील प्रशासन के अफसर और लेखपाल दोषी हैं। ऐसे में इनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

आसान नहीं होगा मकान को तोड़ना: तहसील प्रशासन द्वारा आधा दर्जन से अधिक मकानों को तोड़ना आसान नहीं होगा। वहीं सरकारी जमीन पर दस से 15 लाख रुपये लेकर प्लाट भी बेचे गए हैं।

सराय बेगा में मुक्‍त कराई सरकारी जमीन

जीवनी मंडी क्षेत्र में सिंचाई विभाग की बहुमूल्य जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए आदेश हुए लंबा समय बीत गया, लेकिन अभी उसकी कागजी प्रक्रिया ही चल रही है। इसे छोड़ विभाग ककरैठा क्षेत्र के सराय बेगा में शटरिंग का कार्य कर रहे लोगों से नहर की जमीन पर कब्जा मुक्त कराने में जुटा है।

सिंचाई विभाग की टीम पुलिस बल के साथ सराय बेगा क्षेत्र में पहुंच गई। यहां पर प्रताप सिंह, रमाशंकर, सुंदर, लच्छो आदि द्वारा सिंचाई विभाग की जमीन पर शटरिंग का कार्य किया जा रहा था। कुछ पक्का निर्माण भी किया गया था। एक्सईएन शरद सौरभ गिरी ने बताया कि विभागीय मुकदमा पंजीकृत कर अतिक्रमण करने वालों को हटाने के लिए कहा गया था। इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। पुलिस की सहायता से अभियान चला 641 वर्गमीटर जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया है। एक्सईएन ने बताया कि जोंस मिल प्रकरण से जुड़ी जीवनी मंडी क्षेत्र की जमीन पर कब्जा लेने की लिए कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सप्ताहभर के अंदर वहां भी कार्रवाई की जाएगी।

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