CM Destitute Cow dynasty Participation Scheme: कान्हा की नगरी में गोपाल की गायों से लगा ब्रजवासियों का दिल

CM Destitute Cow dynasty Participation Scheme एक गाय को गोशाला से गोद लेने पर पशु पालक को सरकार दे रही नौ सौ रुपये। मंडल में सबसे अधिक ब्रजवासियों ने 1232 गायों को लिया गोद। मथुरा जिले में तीन श्रेणी की गोशाला है। इनमें 37 अस्थाई गोशाला हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 05:48 PM (IST)
CM Destitute Cow dynasty Participation Scheme: कान्हा की नगरी में गोपाल की गायों से लगा ब्रजवासियों का दिल
मथुरा जिले में तीन श्रेणी की गोशाला है।

आगरा, जेएनएन। कान्हा की नगरी मथुरा में गायों को माता का दर्जा दिया मिला है। कृष्ण भक्त भी अपने गोपाल की गायों से दिल लगा रहे हैं। यही कारण है कि जब सरकार ने निराश्रित गायों को गोद देने की योजना शुरू की, तो ब्रजवासी इसमें भी आगे रहे। सरकार एक गाय को गोशाला से गोद लेने पर पशु पालक को नौ सौ रुपये हर माह देती है।

मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत सरकार ने पहल की तो ब्रजवासियों ने हाथ बढ़ा दिए। आगरा मंडल में सबसे अधिक 1232 गायों को ब्रजवासियों ने गोद लिया। जबकि मंडल के बाकी जिलों में ये संख्या काफी कम है। मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने हरी झंडी दी थी। इस योजना के तहत गोशाला से एक बेसहारा गाय को गोद लेने पर सरकार पशुपालक के बैंक खाते में सीधे 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से एक महीने के 900 रुपये दे रही है। एक पशुपालक अधिकतम चार गाय गोद ले सकता है। अभी तक जिले में 1232 गायों को लोगों ने लिया है, जबकि दूसरे जिलों में गायों को गोद लेने वालों की संख्या कम है। मैनपुरी में 822, कासंगज में 06 और फीरोजाबाद में 546 गाय गोद ली गई। ब्रजवासियों ने ये गाय किसी लाभ के मकसद से नहीं ली गई। वृंदावन गेट निवासी पंकज यादव ने बताया, फरवरी मेें एक गाय गोशाला से सेवा करने के ली थी। वह दूध नहीं देती है। राल गांव निवासी हरिमोहन शर्मा ने बताया, पहले से भी अपने घर पशु पालते हैं। इनके साथ गोसेवा करने के लिए स्थानीय गोशाला से एक गाय गोद ली। उनका कहना था, सरकार से समय पर पैसा नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जिस भाव गाय को गोद लिया था, उसी भाव से उसकी सेवा कर रहे हैं। 

गोशाला में पल रहा 96 हजार गोवंश

मथुरा जिले में तीन श्रेणी की गोशाला है। इनमें 37 अस्थाई गोशाला हैं। जो ग्राम पंचायत स्तर पर चल रही है। इनमें 11500 गोवंश पल रहा है। संचालन के लिए धनराशि सरकार से दी जा रही है। दूसरी श्रेणी की 44 पंजीकृत गोशालाएं हैं। इनका पंजीकरण पशुपालन विभाग में हैं। गोसेवा आयोग से इन गायों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले साल सत्रह गोशाला संचालकों ने अपने प्रस्ताव भेजे थे। 40 अपंजीकृत गोशाला है। ये दान के पैसे से संचालित करते हैं। संचालक सरकार से कोई मदद नहीं लेते हैं। इनमें साधु संतों की गोशाला अधिक हैं। पंजीकृत और अंपजीकृत गोशालाओं में 80 हजार गोवंश पल रहा है। सर्वाधिक गाय श्रीमाताजी गोशाला बरसाना हैं।

गोशाला से गाय गोद लेने के लिए अभी लाेग आवेदन कर रहे हैं। अब तक जिन लोगों ने गाय गोद ली हैं। वह सेवा भाव के लिए ली गई है। वह दूध वाली गाय नहीं हैं।

-हरेंद्र कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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