Rain Water Harvesting: मानसून के विदाई की बेला, आगरा के एक हजार सरकारी विद्यालयों में लगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली
मानसून के दौरान बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जिले के 2263 सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित करने पर बीते जून में कवायद शुरू हुई। शुरुआत में जब कुछ विद्यालयों में काम हुआ तो इसमें तमाम तकनीकी खामियां सामने आई।
आगरा, जागरण संवाददाता। सरकारी काम किस तरह होते हैं, ये उसकी एक बानगी है। मानसून के विदाई की बेला आ चुकी है और अब जाकर आगरा के एक हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में बारिश की बूंदें सहजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित की गई है, वह भी तमाम खामियों के साथ। मानसून के दौरान बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जिले के 2263 सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित करने पर बीते जून में कवायद शुरू हुई। शुरुआत में जब कुछ विद्यालयों में काम हुआ तो इसमें तमाम तकनीकी खामियां सामने आई। पता चला कि ठेकेदारों ने जमीन में पांच-दस फुट खुदाई कर ही पाइप जमीन में दबा दिए। इससे विद्यालयों की छत का पानी जमीन के अंदर जाने की बजाय बाहर ही बह जाता। इसके बाद भूगर्भ और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की देखरेख में यह काम फिर से शुरू किया गया। मगर, यह योजना अब तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है। हालांकि इस योजना को मूर्त रूप देने की अंतिम तारीख निर्धारित नहीं की गई थी लेकिन कोशिश थी कि मानसून तक लक्ष्य के अनुरूप सभी विद्यालयों में यह प्रणाली विकसित कर ली जाए।
ब्लाकवार विद्यालयाें की स्थिति
ब्लाक लक्ष्य कार्य पूर्ण की संख्या
अछनेरा 146 80
अकोला 91 52
बाह 178 140
बरौली अहीर 178 112
बिचपुरी 78 33
एत्मादपुर 169 32
फतेहाबाद 262 34
फतेहपुर सीकरी 148 44
जगनेर 50 29
जैतपुर कलां 127 105
खंदौली 143 20
खेरागढ़ 164 92
पिनाहट 172 51
सैंया 147 125
शमसाबाद 210 56
फैक्ट फाइल
2263 रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित करनी है।
1042 विद्यालयों में योजना के तहत कार्य प्रगित पर।
1005 विद्यालयों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है।
216 विद्यालयों में अब तक काम भी शुरू नहीं हुआ है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर सरकारी विद्यालयों में काम चल रहा है। बहुत से विद्यालयों में यह काम पूर्ण कर लिया गया है। बीच में बारिश की वजह से कुछ दिन के लिए काम प्रभावित रहा था। जल्द ही सभी विद्यालयों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
ए. मनिकंडन, सीडीओ