ADA: व्यावसायिक भवनाें के इस्तेमाल के लिए बनेगी आगरा में माडल उपविधि-2021, एडीए ने की तैयारी
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव ने एडीए उपाध्यक्ष से मांगी राय शहर में 17 हजार हैं अवैध निर्माण 256 कालोनियां भी हैं अवैध। इसमें 45 फीसद भवनों का इस्तेमाल आवासीय के बदले व्यावसायिक रूप में किया जाता है जबकि नक्शा आवासीय में पास होता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर हो या फिर देहात। आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधि संचालित हो रही है। व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए प्रदेश सरकार पहली बार माडल उपविधि-2021 बनाने जा रही है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया से सुझाव मांगे हैं। इसे लेकर जल्द विशेष बैठक होने जा रही है। यह उपविधि बनने से व्यावसायिक भवन स्वामियों को राहत मिलेगी।
आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के दस वार्डों में 17 हजार अवैध निर्माण हैं। 256 कालोनियां भी अवैध हैं। अवैध निर्माणों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एडीए हर साल एक हजार भवनों का नक्शा पास करता है। यह तीन सौ वर्ग मीटर से कम के भूखंड होते हैं। इसमें 45 फीसद भवनों का इस्तेमाल आवासीय के बदले व्यावसायिक रूप में किया जाता है, जबकि नक्शा आवासीय में पास होता है। इस आधार पर आगरा महायोजना-2031 में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भवन स्वामियों से आवेदन मांगा जाएगा। आवेदन पत्र का प्रारूप अलग होगा। वर्तमान में व्यावसायिक, शापिंग काम्प्लेक्स, सिनेमा घर, कार्यालय उपयोग की प्रोसेसिंग फीस 30 रुपये प्रति वर्ग मीटर, ग्रुप हाउसिंग की फीस 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर, भूखंडीय आवासीय एवं अन्य उपयोग की फीस पांच रुपये प्रति वर्ग मीटर है। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि माडल उपविधि को लेकर जल्द ही बैठक की जाएगी।