Paras Hospital Agra: श्री पारस हास्पिटल प्रकरण का वीडियो बनाने के शक में युवक का मोबाइल जब्त
Paras Hospital Agra वीडियो रिकवर कराने मोबाइल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजेगी पुलिस। युवक ने नहीं कुबूली वीडियो बनाने की बात पुलिस को है उसी पर शक। पीड़ितों की शिकायत आने पर उन्हें भी विवेचना में शामिल किया जा सकता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री पारस हास्पिटल प्रकरण में अभी तक पुलिस की विवेचना अभी मूल वीडियो प्राप्त करने में ही अटकी है। शक के आधार पर पुलिस ने एक युवक को थाने बुलाकर उससे पूछताछ की। मगर, उसने बात नहीं कुबूली। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है। अब उसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजकर डाटा रिकवर कराया जाएगा।
श्री पारस हास्पिटल के संचालक डा. अरिंजय जैन का वीडियो वायरल होने के बाद उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके अग्निहोत्री ने थाना न्यू आगरा में उनके खिलाफ आठ जून को मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराएं हैं। इस मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर न्यू आगरा भूपेंद्र बालियान कर रहे हैं। अब तक पुलिस वायरल हुए वीडियो का मूल वीडियो प्राप्त करने में ही अटकी है। तमाम लोगों को थाने बुलाकर अब तक बयान लिए जा चुके हैं। मगर, किसी ने मूल वीडियो होने की बात नहीं स्वीकारी है। अब पुलिस को वीडियो बनाने का शक जीवनी मंडी निवासी एक युवक पर था। उस युवक को थाने बुलाकर पुलिस घंटों पूछताछ कर चुकी है। मगर, उसने वीडियो बनाने की बात नहीं कुबूली। ऐसे में पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा भूपेंद्र बालियान का कहना है कि युवक पर वीडियो बनाने का शक है। मगर, उसके मोबाइल में वीडियो नहीं मिला है। आशंका है कि उसने वीडियो डिलीट कर दिया हो। इसलिए युवक के मोबाइल का डाटा रिकवर कराने के लिए मोबाइल विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।
तीन दिन में कलक्ट्रेट से न्यू आगरा थाने पहुंची रिपोर्ट
श्री पारस हास्पिटल के संचालक डा. अरिंजय जैन के वायरल वीडियो में वह आक्सीजन की कमी के कारण माकड्रिल होने की बात कह रहे थे। इस मामले की जांच के लिए डीएम ने एडीएम सिटी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। साथ ही डेथ आडिट के लिए एक दूसरे कमेटी गठित की। दोनों की जांच रिपोर्ट तीन दिन पहले आ गई थीं। रविवार को कलक्ट्रेट से यह जांच रिपोर्ट न्यू आगरा थाने पहुंच पाई है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा ने इसकी पुष्टि की। उनका कहना है कि विवेचना में इसको शामिल किया जाएगा।
अब आगे बढ़ेगी पुलिस की विवेचना
पुलिस महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और लोक सेवक की अवज्ञा की धाराओं में विवेचना कर रही है। अब तक एडीएम सिटी की अध्यक्षता वाली कमेटी की जांच के कारण विवेचना धीमी गति से चल रही थी। अब विवेचना जल्द आगे बढ़ेगी। पीड़ितों की शिकायत आने पर उन्हें भी विवेचना में शामिल किया जा सकता है।