कराह रहे गुर्दा रोगी, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर

एसएन मेडिकल कालेज में रोजना तीन से चार की ही हो रही डायलिसिस पहुंच रहे 15 से 20 मरीज जिला अस्पताल में निश्शुल्क सुविधा मगर स्लाट रहते हैं फुल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:09 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:09 PM (IST)
कराह रहे गुर्दा रोगी, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर
कराह रहे गुर्दा रोगी, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर

आगरा, जागरण संवाददाता । गुर्दा रोगी डायलिसिस न होने से कराह रहे हैं। एसएन मेडिकल कालेज में एक दिन में तीन से चार मरीजों की ही डायलिसिस हो रही रही है। ऐसे में मरीजों को डायलिसिस के लिए जिला अस्पताल, चैरेटेबल सेंटर और निजी हास्पिटलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर में मेडिकल कालेज में डायलिसिस बंद हो गई थी। यहां चार मशीनें हैं, एक कोविड हास्पिटल में है। अब डायलिसिस शुरू हो गई है। मगर, तीन से चार मरीजों की ही डायलिसिस की जा रही है। जबकि 15 से 20 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। इन्हें बाद में आने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में मरीज चैरेटेबल सेंटर और निजी हास्पिटलों में डायलिसिस करा रहे हैं। जिला अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल से निश्शुल्क डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। मगर, यहां हर रोज डायलिसिस के 30 स्लाट हैं, ये फुल रहते हैं। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला ने बताया कि डायलिसिस की मशीनें खरीदी जा रही हैं। इसके बाद मरीजों को कोई समस्या नहीं आएगी। -नियमित डायलिसिस कराने वाले गुर्दा रोगियों की संख्या -500 मरीज

-जिला अस्पताल में डायलिसिस का चार्ज- निश्शुल्क

-एसएन में डायलिसिस का चार्ज -250 रुपये प्रति डायलिसिस

-चैरिटेबल सेंटरों में डायलिसिस का चार्ज -800 से 990 रुपये

-निजी हास्पिटल में चार्ज -3500 से 4000 रुपये तबीयत बिगड़ने पर जयपुर में इलाज कराया। डायलिसिस कराने के लिए कह दिया, मेडिकल कालेज में डायलिसिस नहीं हो रही थी। जिला अस्पताल में डायलिसिस करा रहे हैं।

मुख्तार, नरीपुरा निजी अस्पतालों में डायलिसिस का खर्चा बहुत अधिक है। दो साल से जिला अस्पताल स्थित सेंटर में डायलिसिस करा रहे हैं। कोरोना संक्रमण में जांच के बाद डायलिसिस हुई।

केशव देव, पिनाहट

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