चंबल नहर की माइनर फूटी, 100 बीघा फसल जलमग्न

देवगढ़ रामनगर के पास फूटी प्रभावित किसानों ने लगाया नहर की सफाई नहीं करने का आरोप आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक किसान प्रभावित मुआवजे देने की मांग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:00 AM (IST)
चंबल नहर की माइनर फूटी, 100 बीघा फसल जलमग्न
चंबल नहर की माइनर फूटी, 100 बीघा फसल जलमग्न

जागरण टीम, आगरा। फतेहपुर सीकरी में हंसपुरा माइनर के फूटने के बाद रविवार रात पिनाहट के गांव देवगढ़ व रामनगर के पास चंबल नहर की माइनर फूट गई। इससे आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक किसानों की 100 बीघा फसल जलमग्न हो गई। सुबह नहर विभाग के अधिकारियों ने किसानों के सहयोग से माइनर को दुरुस्त कराया। प्रभावित किसानों ने विभागीय अफसरों पर नहर की सफाई नहीं कराने का आरोप लगाते हुए फसल को हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है।

चंबल डाल नहर परियोजना से बाह, पिनाहट, जैतपुर ब्लाक के सैकड़ों गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई होती है। पिनाहट क्षेत्र से निकली चंबल नहर इटावा तक जाती है। इस समय खेतों में गेहूं, आलू, सरसों आदि फसलें खेतों में बोई जा चुकी हैं। किसानों के मुताबिक रविवार रात करीब 11 बजे नहर की माइनर फूट गई। एक बजे पता चलने पर इसकी सूचना नहर विभाग के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद नहर को बंद किया जा सका। सुबह तक माइनर का पानी खेतों में भरता रहा और खेत जलमग्न हो गए। सुबह विभागीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों के सहयोग से मिट्टी व बालू की बोरियां लगाकर माइनर को बंद किया। चंबल नहर की माइनर फूटने की सूचना रात को मिली थी, तभी नहर को बंद कर दिया गया था। सुबह किसानों के सहयोग से टूटी माइनर को दुरुस्त कर दिया गया।

- परवेज हसन, एसडीओ, नहर विभाग

किसानों ने नहर विभाग के अफसरों पर लगाए आरोप

किसानों का कहना है कि नहर विभाग से कई बार शिकायत की लेकिन उन्होंने इसकी सफाई नहीं कराई। नतीजा रविवार रात नहर से निकली माइनर फूट गई और उनका काफी नुकसान हो गया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी दो बार चंबल नहर की माइनर फूट चुकी है। किसानों के नुकसान का अब तक मुआवजा नहीं मिला है। क्षेत्रीय किसान हरिओम शर्मा, सुरेश सिंह, महेश, मोहन सिंह आदि किसानों ने मुआवजा देने की मांग की है। इन गांवों के किसान प्रभावित

देवगढ़, रामनगर, अमर सिंह पुरा, मदनपुर, हरी सिंह की ढारि, कप्तान पुरा गांवों के 50 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं।

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