स्मारक सलामत रहें, जनता भी न हो परेशान
केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एएसआइ के अधिकारियों के साथ की बैठक स्मारकों की श्रेणी के अनुसार प्रतिनिषिद्ध व विनियमित क्षेत्र तय करने को करेंगे प्रयास
आगरा, जागरण संवाददाता
: केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को ताजनगरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य बिदु एएसआइ एक्ट रहा। केंद्रीय मंत्री ने एक्ट में संशोधन की बात करते हुए कहा कि एक्ट में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि स्मारक भी सलामत रहें और जनता भी परेशान न हो। स्मारकों को श्रेणी में बांटते हुए उनका प्रतिनिषिद्ध व विनियमित क्षेत्र तय किया जाना चाहिए।इस मामले को वह संसद में उठाएंगे।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री बुधवार सुबह करीब 11 बजे माल रोड स्थित एएसआइ आफिस पहुंचे। अधिकारियों के साथ स्मारकों के संरक्षण में आने वाली चुनौतियों, स्टाफ की कमी आदि बिदुओं पर विमर्श किया। प्राचीन संस्मारक, पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन व विधिमान्यकरण) विधेयक, 2010 के अनुसार संरक्षित स्मारक की 100 मीटर की परिधि (प्रतिनिषिद्ध क्षेत्र) में कोई निर्माण व उत्खनन नहीं हो सकता है। 100 मीटर से 200 मीटर की परिधि (विनियमित क्षेत्र) में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद काम किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उदयपुर व धौलपुर में लोगों ने उन्हें एक्ट की वजह से होने वाली परेशानी के बारे में अवगत कराया था।
मंत्री ने अवैध निर्माणों पर की जाने वाली कार्रवाई के साथ कोस मीनार व ताजमहल पर नियमों के बारे में पूछा। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सभी स्मारकों पर नियम समान हैं। स्मारक की 300 मीटर की परिधि में होने वाले निर्माण पर एएसआइ की जिम्मेदारी नोटिस जारी करने व एफआइआर कराने की है। इसके बाद कार्रवाई प्रशासन को करनी होती है।
केंद्रीय मंत्री ने एएसआइ एक्ट में संशोधन की जरूरत बताते हुए कहा कि स्मारकों की श्रेणी के अनुसार उनका प्रतिनिषिद्ध व विनियमित क्षेत्र तय होना चाहिए। अधिकारियों ने मंत्रालय के स्तर से ही यह संभव होने की बात कही, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने स्वयं समस्या का समाधान निकालने और संसद में मामला उठाने की बात कही। लपकों की समस्या:
केंद्रीय मंत्री के समक्ष बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने लपकों की वजह से पर्यटकों को होने वाली समस्या को रखा। केंद्रीय मंत्री ने एएसआइ अधिकारियों को कुछ दिन ब्रज में रहने की बात कहते हुए समस्याओं के निदान व पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नियमित संपर्क में रहने को कहा। बैठक में रहे उपस्थित
निवर्तमान अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वज्ञ रसायन डा. एमके भटनागर, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् आरके सिंह व अन्य अधिकारी।