CBSE की पहल, ताकि संक्रमण काल में मानसिक रूप से परेशान न हों विद्यार्थी
तनाव कम करने के लि एक पुस्तिका को किया है जारी। मेंटल हेल्थ एंड वेल्बीइंग ए पर्सपैक्टिव नामक पुस्तिका से बदल सकती है मनस्थिति। पुस्तिका 84 पृष्ठ की है। पुस्तिका में कुल 10 अध्याय हैं जिसमें 35 टापिक आते हैं। इसमें हर टापिक अभिभावक शिक्षक और विद्यार्थियों से जुड़ा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में विद्यार्थियों की परेशानी के कई कारण हैं। इसमें पहला, विद्यालय बंद होना, दूसरा, वार्षिक परीक्षाएं टलना, वहीं तीसरा, शासन से आनलाइन कक्षाएं 20 मई तक बंद रखने का आदेश जारी होना है। पढ़ाई प्रभावित होती देख विद्यार्थियों को चिंता होना लाजमी है। ऐसे में उनके तनाव को कम करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मेंटल हेल्थ एंड वेल्बीइंग ए पर्सपैक्टिव नामक पुस्तिका जारी की है, जो उनकी मन:स्थिति बदलने में मदद करेगी।
मेंटल हेल्थ एंड वेल्बीइंग ए पर्सपैक्टिव नामक यह पुस्तिका 84 पृष्ठ की है, इसमें कोरोना काल और इसके बाद उत्पन्न स्थिति से विद्यार्थियों को होने वाली परेशानी में मनोवैज्ञानिक सहयोग की जरूरत की जानकारी दी गई है। पुस्तिका में न सिर्फ पढ़ाई में मदद के तरीके सुझाए गए हैं, बल्कि कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों को विभिन्न चरण में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? उस समय शिक्षक और अभिभावकों की क्या भूमिका होना चाहिए, उसकी सिलसिलेवार जानकारी दी गई है।
किशोरावस्था का उत्साह और चुनौतियों के साथ विद्यार्थियों को संचार संबंधित परेशानी, याद करने में दिक्कतें, साइबर समस्याएं आदि से निपटने के उपाय सुझाए गए हैं।
परिवार की बताई गई है महत्ता
पुस्तिका में परिवार का महत्व बताया गया है। संयुक्त परिवार को ही सबसे बेहतर माना गया है, जिसमें बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त उनके दादा-दादी और नाना-नानी होते हैं। क्योंकि यह अभिभावक, शिक्षक और दोस्त, तीनों भूमिका अपनी तरह से निभाते हैं। साथ ही इसमें शिक्षकों को स्वयं की देखभाल के सुझाव भी दिए गए हैं।
मेंटल हेल्थ एंड वेल्बीइंग ए पर्सपैक्टिव पुस्तिका में कुल 10 अध्याय हैं, जिसमें 35 टापिक आते हैं। इसमें हर टापिक अभिभावक, शिक्षक और विद्यार्थियों से जुड़ा है।
विभिन्न गतिविधियों का समावेश
इसमें 10 अध्याय खत्म होने के बाद विद्यार्थियों के लिए विभिन्न गतिविधियां भी दी गई हैं। कक्षा एक से छठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए सात, जबकि कक्षा सातवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 10 गतिविधियां इसमें शामिल हैं। कक्षा एक से छठवीं तक के विद्यार्थियों के हर गतिविधि को पूरा करने के लिए 20 मिनट का समय दिया जाएगा। वहीं कक्षा सातवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को गतिविधियां पूरी करने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है। 30 से 60 मिनट तय है।