Welcome Trump: 'भूतहा शहर' की टिप्पणी को 20 साल बाद पीछे छोड़ेगा यादगार स्वागत Agra News
आगरा में एक भी शख्स नजर न आने पर बिल क्लिंटन ने की थी टिप्पणी। एयरपोर्ट से ताजमहल तक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का होगा यादगार स्वागत।
आगरा, राजीव शर्मा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत में अपने स्वागत को लेकर जितने आशान्वित हैं, ताजनगरी उससे कहीं ज्यादा बेकरार है। 20 साल पहले आगरा आए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने रूट को वीरान देख 'भूतहा शहर' बताया था। ट्रंप ऐसा न कह पाएं, इसके लिए एयरपोर्ट से लेकर ताजमहल तक यादगार स्वागत की तैयारियां हैं।
ट्रंप के आगमन और उनके स्वागत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंभीर हैं। ट्रंप के आगमन को लेकर आगरा में तैयारियों पर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक नजर रखी जा रही है। स्वागत को लेकर पीएमओ से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में मोदी की मौजूदगी उनकी दिलचस्पी का स्पष्ट इशारा कर चुकी है।
20 साल पहले वर्ष 2000 में आगरा आए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को पूरे रूट पर एक व्यक्ति नजर नहीं आया था। सुरक्षा की दृष्टि से बरती गई इस सतर्कता पर क्लिंटन ने 'भूतहा शहर' बताया था। अब ट्रंप के आगमन पर एयरपोर्ट से ताजमहल तक के रूट पर दोनों ओर भारत-अमेरिकी ध्वज लहराते 25 हजार छात्र-छात्राएं का जोश निश्चित ही उन्हें गदगद कर देगा। रूट के प्रमुख चौराहों पर कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते नजर आएंगे।
जिंदादिल लोगों का है ये शहर
ट्रंप के स्वागत को लेकर सरकारी तंत्र तो युद्धस्तर पर जुटा है ही, रूट किनारे रहने वाले लोग भी उत्साहित हैं। कोई अपने ही हाथों से घर की दीवार तोड़ रहा है तो कोई अपना खोखा हटा रहा है। सिर्फ इसलिए कि जब डोनाल्ड ट्रंप यहां से गुजरें तो ताजमहल ही नहीं, सुलहकुल की इस नगरी की भी हसीन यादें अपने साथ ले जाएं। मंशा ये भी है कि उन्हें ये भी अहसास करा पाएं कि आगरा भूतहा नहीं, जिंदादिल लोगों का शहर है।
फिर हिदायत से हलचल
'भूतहा शहर' की टिप्पणी को 20 साल गुजर गए मगर यहां के लोगों को बिल क्लिंटन के ये शब्द आज भी चुभ रहे हैं। कहते हैं कि प्रशासन ने उन्हें घर के दरवाजे पर खड़ा होना तो दूर खिड़की तक से नहीं झांकने दिया। हम हाथ हिलाकर अभिवादन नहीं कर पाए और उनको देखकर क्लिंटन-क्लिंटन पुकार सके। 24 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगरा आगमन पर वीवीआइपी मार्ग किनारे रहने वाले लोगों में उसी तरह की हिदायत फिर दी जा रही है।
ये है लोगों का कहना
हम चाहते हैं कि जो भी मेहमान आगरा आए वह यहां की खुशनुमा यादें अपने साथ लेकर जाए। ऐसे इंतजाम नहीं होने चाहिए कि कोई 'भूतहा शहर' कहने को मजबूर हो।
सलीम, निवासी, खेरिया रोड
हमें याद है, जब बिल क्लिंटन ताज देखने आए थे। हमारी परछाई तक को 'कैद' कर दिया था। घर के जिस कमरे की खिड़की सड़क की ओर थी, उस कमरे तक में नहीं जाने दिया था।
जसवंत सिंह, निवासी, सराय ख्वाजा
अब तो चमक गया ताजगंज
बीस साल पहले बिल क्लिंटन को ताजगंज क्षेत्र भले ही पुराना लगा हो मगर, अब ये शहर का 'ताज' है। वर्ष 2015-16 में ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत 197 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए गए हैं। सड़क पर ग्रेनाइट पत्थर लग हैं। दोनों तरफ पत्थरों के जालीदार खंबे लगे हैं। दिन ही नहीं, शाम होते ही ताज के आसपास का इलाका चमक उठता है।
कितना बदल गया शहर
- स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रतापपुरा चौराहा से फतेहाबाद रोड के दोनों तरफ आकर्षक स्ट्रीट लाइटें
- मॉल रोड पर लैंड स्कैपिंग के साथ ही दीवारों पर सुंदर पेटिंग।
- मॉल रोड किनारे साइकिल ट्रैक।
- जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे।
संगमरमरी हुस्न के दीदार में खलल न बने यमुना की गंदगी
शहंशाह शाहजहां ने ताज की तामीर को यमुना के तट को चुना था। आज यमुना ही ताज के लिए मुसीबत बन रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताज दीदार में भी अफसरों को यमुना की चिंता सता रही है। ट्रंप को यमुना में गंदगी नजर नहीं आए, इसके लिए अफसरों ने नगर निगम को यमुना में सफाई के निर्देश दिए हैं।
आगरा में यमुना नदी न रहकर नाला बन चुकी है। यमुना में 61 नाले सीधे गिर रहे हैं। ताज के पास नदी में मोड़ होने की वजह से नालों के साथ बहकर आती गंदगी यहां जमा होती जा रही है। ताज टेनरी के पास तो बुरा हाल है। ताजमहल में मुख्य मकबरे से यमुना किनारे पर वहां जमा सिल्ट और गंदगी साफ नजर आती है।
पिछले दिनों निरीक्षण को आए पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता ने भी स्थिति पर नाराजगी जताई थी। अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित विजिट में यमुना की दुर्दशा के चलते किरकिरी होने की चिंता प्रशासनिक अफसरों को भी सता रही है। रविवार दोपहर करीब एक बजे ताजमहल में व्यवस्थाओं को जानने पहुंचे कमिश्नर अनिल कुमार ने ताज के पाश्र्व में यमुना किनारे पर जाकर नदी की स्थिति देखी। वहां से दुर्गंध उठ रही थी। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को ताज टेनरी के पास जमा सिल्ट साफ कराने को कहा। नगर निगम की टीम सोमवार से यहां सफाई करेगी।
दोनों तरह के रहेंगे शू कवर
अफसरों ने निरीक्षण के दौरान स्मारक में रूट की जानकारी ली। यह जानकारी की कि अमेरिकी राष्ट्रपति को शू कवर किस स्थान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मखमली शू कवर के साथ ही यहां शू-कवर वाली मशीन भी रखवाई जाएगी। अपनी सुविधा के अनुसार मेहमान शू कवर ले सकेंगे।