Mastermind of Fake Companies: आगरा में 700 करोड़ का फर्जी कारोबार चलाने वाला मास्टर माइंड गिरफ्तार

सीजीएसटी आयुक्तालय की प्रवर्तन टीम ने किया गिरफ़्तार। आरोपी आवास विकास कालोनी स्थित अपने एलआइजी मकान में बैठकर पूरे देश के अलग अलग राज्यों में पंजीकृत फर्जी फर्मों के बीच फर्जी लेनदेन कर इस अवैध रैकेट को चला रहा है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 05:07 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:07 PM (IST)
Mastermind of Fake Companies: आगरा में 700 करोड़ का फर्जी कारोबार चलाने वाला मास्टर माइंड गिरफ्तार
आगरा से सीजीएसटी टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपित नितिन वर्मा।

आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय आगरा ने रविवार को बडी कार्रवाई की। फर्जी फर्म खोलकर 700 करोड़ रुपये के फेक इनवाइस जारी करके 102 करोड़ की टैक्स चोरी और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) क्लेम करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड को आवास विकास कालोनी सेक्टर सात से गिरफ्तार कर लिया।

पकड़ा गया मास्टर माइंड नितिन वर्मा है, जिसने वर्ष 2017 से 2019 के बीच फर्जी आधार नंबर और पैन नंबर से करीब 126 फर्जी फर्में अलग अलग राज्यों में पंजीकृत कराई और उनके बीच बिना माल का लेनदेन किए करीब 700 करोड़ के फर्जी इनवाइस, बिल और ई वे बिल जारी करके करीब 102 करोड़ के टैक्स की चोरी और आइटीसी क्लेम कर ली। आरोपित को रविवार सुबह उसके घर से गिरफ्तार कर तीसरे पहर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। कार्रवाई सीजीएसटी आयुक्त ललन कुमार के निर्देशन संयुक्त आयुक्त भवन मीना के मार्गदर्शन में सहायक आयुक्त अनिल शुक्ला, अधीक्षक ऋषि देव सिंह और संजय कुमार ने कर अपवंचन शाखा के निरीक्षक सतीश कुमार सिंह, कपिल कुमार, विपिन कुमार, अजय सोनकर, अनुराग सोनी ने अंजाम दी।

साथी हो चुका है गिरफ्तार

इस मामले में सीजीसीटी की टीम ने जनवरी 2020 में चंद्रप्रकाश कृपलानी को गिरफ्तार किया था, तब विभाग ने फर्जी बिल से 400 करोड़ के लेनदेन की आशंका जताई थी। उस दौरान भी नितिन वर्मा से पूछताछ हुई थी लेकिन आरोपी अग्रिम जमानत ले आया था, जिस कारण उसे छोड़ना पड़ा था। चंद्रप्रकाश कृपलानी को तब जेल भेज दिया गया था, जो फिलहाल जमानत पर चल रहा है।

अंतरराज्यीय है रैकेट

आरोपी आवास विकास कालोनी स्थित अपने एलआइजी मकान में बैठकर पूरे देश के अलग अलग राज्यों में पंजीकृत फर्जी फर्मों के बीच फर्जी लेनदेन कर इस अवैध रैकेट को चला रहा है। विभागीय टीम इसके अन्य साथियों की तलाश में जुटी है।

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