Mass Murder in Agra: रेखा और तीनों बच्चों के अंतिम संस्कार में नम हो गईं बस्ती वालों की आंखें
Mass Murder in Agra नरायच स्थित श्मशान घाट पर यमुना किनारे दफन किए बच्चों के शव। रेखा की चिता काे भाई अमन ने दिया दाग। तिम संस्कार करने पहुंचे पिता विनोद राठौर ने कहाकि पुलिस हत्यारे को पाताल से भी खोज निकालेगी।
आगरा, अली अब्बास। कोतवाली के कूचा साधूराम की चाैबेजी वाली गली में 21 जुलाई को रेखा और उनके तीनों बच्चों की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। शनिवार को छत्तीसगढ़ से पहुंचे पिता विनोद और भाई अमन ने रेखा व बच्चों का नरायच स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया। तीनों बच्चों के शवों को श्मशान घाट पर यमुना किनारे दफन किया गया। वहीं रेखा की चिता को छोटे भाई अमन ने दाग दिया।इस दौरान वहां मौजूद बस्ती वालों की आंखें नम हो गईं।
पिता विनोद राठौड् मूलरूप से एत्माद्दौला के प्रकाश नगर के रहने वाले हैं। पत्नी की मौत के बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी। मगर, रेखा को वह सबसे ज्यादा चाहते थे। करीब दस साल पहले वह पत्नी और तीनों बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ चले गए थे। वहां पर जिला कोरिया बैकुंठपुर में रहते हैं। विनोद वहां चूड़ियाें की दुकान करते हैं।
पिता को बेटी रेखा और उसके तीनों बच्चों की हत्या की बुधवार की दोपहर सूचना मिली। इसके बाद वह ट्रेन से आगरा के लिए रवाना हो लिए थे।शनिवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे पिता आगरा पहुंचे। बेटी और तीनोंं बच्चों के शवों को देखकर बुरी तरह बिलखने लगे। पिता के विलाप को देख वहां मौजूद बस्ती वालों की आंखें भी नम हो गईं। दोपहर करीब 11:30 बजे परिवार और बस्ती के लोगों ने रेखा व तीनों बच्चों का नरायच के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया।
पिता बोले नहीं बचेगा बेगुनाह बेटी और बच्चों का गला काटने वाला
बेगुनाह बच्चों और बेटी की गला काटने वाला बच नहीं सकेगा। शनिवार को अंतिम संस्कार करने पहुंचे पिता विनोद राठौर ने कहाकि पुलिस हत्यारे को पाताल से भी खोज निकालेगी। उसने चार निर्दोष लोगों की हत्या की है। बचपन से बेटी की हर ख्वाहिश को पूरा करने पिता शनिवार को उसके शव को देखते ही बुरी तरह से बिलखने लगे।
ट्रेन के साथ आंखों के सामने दौड़ती रही रेखा के बचपन की तस्वीर
पिता विनोद के लिए छत्तीसगढ़ से आगरा तक का सफर इतना आसान नहीं था। ट्रेन के साथ ही उनकी आंखों के सामने रेखा के जन्म लेने से लेकर बचपन और किशोरावस्था से शादी तक की तस्वीरें दौड़ती रहीं। मां की मौत पर रेखा का रोना, उनकी और दादी की गोद में खेलना। शादी करके ससुराल विदा करने तक का 35 साल का सफर कुछ ही घंटों में उनकी आंखों के सामने सिमट आया था।
मोबाइल खराब होने के चलते नहीं हो सकी थी दो महीने से बातचीत
पिता ने बताया रेखा से उनकी आखिरी बार बातचीत दो मई को हुई थी। वह छत्तीसगढ़ से प्रकाश नगर, एत्माद्दौला में रहने वाली साली की बेटी की शादी में शामिल होने आए थे। वापस लौटने के बाद उनका मोबाइल खराब हो गया। जिसके चलते रेखा से उनका संपर्क नहीं हो सका। वह बेटी से एक-दो दिन में बात करने वाले थे। इसी बीच रेखा और तीनों बच्चों की हत्या की खबर उन्हें मिली।