Mass Murder in Agra: आगरा का चौहरा हत्याकांड, मां और तीन बच्चों की हत्या करके ढाई घंटे तक खंगाला घर
कूंचा साधुराम में रेखा और उसके बच्चों की हत्या को बारीकी से की थी कत्ल का सुराग न छोड़ने की प्लानिंग। नींद की गोली और ग्लब्ज साथ लेकर गए थे हत्यारोपित। रिश्ते के भाई ने ही रची थी इस जघन्य हत्याकांड की पटकथा।
आगरा, जागरण संवाददाता। रिश्ते के भाई ने महिला और उसके तीन बच्चों की हत्या का मजबूत तानाबाना बुना था। हत्या करने के बाद पुलिस से बचने को भी उन्होंने पूरी प्लानिंग की थी। वे अपने साथ नींद की गोली और हैंड ग्लब्स लेकर गए थे। डेढ़ घंटे तक वे घर में ही आराम से परिवार के साथ रहे। इसके बाद उन्होंने सामूहिक हत्याकांड काे अंजाम दे दिया। ढाई घंटे तक वे घर की तलाशी लेते रहे। मगर, उम्मीद के मुताबिक न तो गहने मिले और न ही नकदी। महज 2700 रुपये और चांदी की पायलों के लिए ही आरोपितों ने चार जान ले लीं।
कोतवाली के कूचा साधूराम में रेखा राठौर पति सुनील से तलाक के बाद अपने बच्चों वंश, माही और पारस के साथ रहती थी। घर में बहुत कम लोगों को आना-जाना था।उनके घर आने वाला रिश्ते का भाई ही उनका कातिल बन गया।उसने पुलिस को बताया कि रेखा के घर लूट और हत्या की साजिश उसने कई दिन पहले रची थी।उसने तय किया था कि रेखा के घर जाकर वे किसी चीज को हाथ नहीं लगाएंगे। इसीलिए वह सर्जिकल ग्लब्स लेकर गए थे।पहले तो वे बच्चों से बातचीत करते रहे। डेढ़ घंटे बाद उन्होंने अपना काम शुरू किया। रेखा रसोई में चाय बनाने गई थी। मगर, उन्हें चाय पीनी नहीं थी।रेखा के बाहर निकलते ही उसे कमरे में गिरा लिया। इसके बाद संतोष ने उसका कैंची से गला रेत दिया। रेखा को दूध में नींद की गोली मिलाकर वे पहले ही पिला चुके थे।इसलिए उसने बहुत विरोध नहीं किया। बच्चों को भी दूध में मिलाकर नींद की गोली दे चुके थे। इसलिए उन्हें भी हल्का-हल्का असर था।वंश ऊपर आया तो पहले उसका गला काट दिया। इसके बाद दोनों बच्चों को ऊपर लाकर उनका भी गला काटा।आरोपितों ने किसी को चीखने का मौका भी नहीं दिया। चारों की हत्या करने के बाद आरोपितों ने घर की तलाशी ली। अलमारी खोलकर देखीं। मगर, उसमें उन्हें केवल 2700 रुपये मिले। चांदी की पायल मिलीं। उम्मीद के मुताबिक उन्हें सामान नहीं मिल रहा था।इसलिए वे ढाई घंटे तक घर में तलाशी लेते रहे। इसके बाद रेखा का मोबाइल, लैपटाप और आइपैड भी ले गए।पुलिस को पहले सीसीटीवी कैमरे सुराग मिला। इसके बाद संतोष के दो दिन के लिए गायब होने से शक पक्का हो गया।पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताद की तो मामला खुल गया।
पांच फीसद की ब्याज पर लिए थे दो लाख
संतोष ने दो वर्ष पहले परचून की दुकान खोलने के लिए रेखा से दो लाख रुपये लिए थे। रेखा को उसने पांच फीसद ब्याज देने का वादा किया था। इस तरह हर माह उसे दस हजार रुपये देने थे। मगर, नहीं दे पाया था। अब वह रेखा की रकम चुकाने की स्थिति में नहीं था।
कुत्ता बोलने से चढ़ी सनक
हत्यारोपित संतोष का कहना है कि रुपये न चुका पाने पर अब रेखा उसे फोन पर धमकाती थी। उससे कुत्ता बोलती थी। इससे वह आग बबूला हो गया था। उसके सिर पर सनक चढ़ गई थी कि अब उसे मारना है।
लालच में शामिल हुए
संतोष की परचून की दुकान है। उसके साथ घटना में शामिल अंशुल का रामबाग क्षेत्र में ही कबाड़े का गोदाम है। वीरू अंशुल के कबाड़ गोदाम में काम करता है। संतोष ने लूट के माल में से तीन हिस्से करके आपस में बांटने का लालच देकर अंशुल और वीरू को अपने साथ लिया था।
लैपटाप और मोबाइल में कोई राज तो नहीं
पुलिस को पूछताद में संतोष ने बताया है कि रेखा उसे फोन पर धमकी देती थी। उसे आशंका थी कि इसकी रिकार्डिंग रेखा के मोबाइल में होती थी। हत्या के बाद पुलिस के हाथ अगर मोबाइल लगा तो इससे उस पर शक हो सकता था। इसलिए उसने मोबाइल लूटा। रिकार्डिंग का बैकअप लैपटाप और आइपैड में होने की आशंका पर उन्हें भी साथ ले गया।अभी आरोपित की बात पर पुलिस को पूरा भरोसा नहीं है।यह भी हो सकता है कि लैपटाप और मोबाइल में आरोपित का कोई राज हो। इन्हें बरामद कराने को पुलिस संतोष को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेगी। बरामदगी के बाद डाटा विश्लेषण कराया जाएगा।
हत्या के बाद गया गंगा स्नान को
आरोपित संतोष सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अंशुल को साथ लेकर पहले सोरों में गंगा स्नान को चला गया। यहां से कासगंज होते हुए आरोपित कानपुर पहुंचे। इसके बाद चित्रकूट तक गए। वहां से लौटकर आगरा आ गए। उन्होंने सोचा था कि अब पुलिस शांत हो गई होगी।