मान को मार्दव से जीता जाता है

दसलक्षण पर्व में दूसरे दिन हुआ उत्तम मार्दव धर्म का पूजन जिन प्रतिमाओं का अभिषेक और शांतिधारा की गई

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 10:10 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 10:10 PM (IST)
मान को मार्दव से जीता जाता है
मान को मार्दव से जीता जाता है

आगरा,जागरण संवाददाता। दिगंबर जैन समाज के दसलक्षण पर्व में शनिवार को उत्तम मार्दव धर्म का पूजन हुआ। जिन प्रतिमाओं का अभिषेक और शांतिधारा की गई। निर्मल सदन, छीपीटोला में मुनिश्री विशाल सागर ने कहा कि मान को मार्दव से ही जीता जाता है। हम लोग मान को बचाने के लिए मार्दव धर्म खो देते हैं।

निर्मल सदन में मुनि वीर सागर, मुनि विशाल सागर और मुनि धवल सागर के सानिध्य में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने इंद्र के स्वरूप में अष्ट द्रव्य की थाल सजाकर जिनेंद्र भगवान की पूजा की। मुनि वीर सागर के सानिध्य में दोपहर में भक्तांबर स्तोत्र की कक्षा लगी, जिसमें मुनिश्री ने भक्तांबर का अर्थ सहित वाचन किया। छहढाला की कक्षा में मुनि वीर सागर ने शंका समाधान किया। रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रश्नोत्तरी का आयोजन हुआ। दिलीप जैन, प्रवीन जैन, दयाचंद जैन, अमित जैन, अभय जैन, मुकेश जैन, प्रदीप जैन, आशू जैन, दीपक जैन आदि मौजूद रहे। अर्हं के माध्यम से जीवन को आगे बढ़ाता है व्यक्ति

आगरा, जागरण संवाददाता। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत में मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चंद्र सागर के सानिध्य में अर्हं स्वधर्म शिविर में सुबह छह बजे ध्यान योग और सात बजे भगवान शांतिनाथ का अभिषेक व शांतिधारा की गई। मुनि प्रणम्य सागर ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य अहंकार का पुतला है। अगर व्यक्ति के जीवन का प्रारंभ अर्हं से होता है तो वो अर्हं के माध्यम से अपने जीवन को आगे बढ़ाता है। दोपहर 1:30 बजे से मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चंद्र सागर ने शिविरार्थियों को तत्वार्थ सूत्र सुनाया। शाम को मंगल आरती हुई। ईदगाह कालोनी की महिला मंडली ने नृत्य किया। आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन, महामंत्री सुनील जैन, राकेश जैन, अनंत जैन, राजकुमार राजू, अशोक जैन आदि मौजूद रहे। क्रोध का करें त्याग

आगरा, जागरण संवाददाता। चंद्रप्रभु दिबर जैन मंदिर, गंगे गौरी बाग बल्केश्वर में शनिवार को आदित्य सागर महाराज के सानिध्य में अभिषेक व शांतिधारा हुई। भगवान चंद्रप्रभु का अभिषेक व शांतिधारा की गई। आचार्य आदित्य सागर ने कहा कि क्रोध जीवन के लिए आग और अंदरूनी जहर है। क्रोध माचिस की तीली की तरह है, जो स्वयं पहले जलती है बाद में दूसरों को जलाती है। क्रोध को त्याग कर शांति व संतोष को आत्मसात करें। प्रवीन जैन, राहुल जैन, सचिन जैन, रजनीश जैन, अरुण जैन आदि मौजूद रहे। मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा कारण है मार्दव धर्म

आगरा, जागरण संवाददाता। पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, शालीमार एन्क्लेव कमला नगर में भगवान पा‌र्श्वनाथ का अभिषेक व शांतिधारा की गई। मोहित शास्त्री ने कहा कि मार्दव धर्म मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा कारण बनता है। अगर व्यक्ति अपने मान का त्याग कर दे तो वो स्वयं को तो जीत ही लेता है, समाज में भी उसकी पहचान हो जाती है। शाम को प्रतिक्रमण कराया गया, जिसमें श्रावकों ने दिनभर किए पापों की क्षमा याचना की। एसबी जैन, अनिल अहिसा, संजू गोधा, रूप सोनी, मुकेश रपरिया, विनीत जैन, विशन जैन, शशि पाटनी, कल्पना जैन, रूपा जैन मौजूद रहीं।

इंसान को अहंकारी बना देता है धन

आगरा, जागरण संवाददाता। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सेक्टर सात आवास विकास कालोनी सिकंदरा में पं. वीरेंद्र जैन शास्त्री के सानिध्य में श्रीजी का अभिषेक व संगीतमय विधान हुआ। वीरेंद्र जैन शास्त्री ने कहा कि धन, दौलत, शान और शौकत इंसान को अहंकारी व अभिमानी बना देती है। ऐसा व्यक्ति दूसरों को छोटा और स्वयं को सर्वोच्च मानता है। यह सब चीजें नश्वर हैं और एक दिन आपको छोड़ देंगी या फिर आपको इन्हें छोड़ना होगा। राकेश जैन, राहुल, अनुराग जैन, रवि जैन, संजय जैन, जीतेश जैन, वैभव जैन, अमित जैन, दीपक जैन आदि मौजूद रहे। जब तक संवत्सरी मनेगी, देश सुरक्षित रहेगा

आगरा, जागरण संवाददाता। महाराजा अग्रसेन भवन, लोहामंडी में शनिवार को धर्मसभा में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि भगवान महावीर ने संवत्सरी को विश्व के लिए उपयोगी बतलाया है, क्योंकि इस दिन लाखों जैन श्रद्धालु उपवास करते हैं। झूठ, चोरी आदि पापों से दूर रहते हैं। व्यापार नहीं करते बल्कि शाम को पूरे देश में एक साथ निर्धारित समय पर देश के कल्याण की कामना करते हैं। विश्व कल्याण के लिए जैनियों की संवत्सरी अत्यंत उपयोगी है। जब तक संवत्सरी मनेगी, तब तक देश सुरक्षित रहेगा।

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