महाराणा प्रताप आज भी प्रासंगिक, उनके विचारों को आत्मसात करना जरूरी

महाराणा प्रताप के बताए मार्ग पर चलने की जरूरत एत्मादपुर में वर्चुअल गोष्ठी संपन्न

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:00 AM (IST)
महाराणा प्रताप आज भी प्रासंगिक, उनके विचारों को आत्मसात करना जरूरी
महाराणा प्रताप आज भी प्रासंगिक, उनके विचारों को आत्मसात करना जरूरी

जागरण टीम, आगरा। मुगलों को नाकों चने चबाने वाले महानायक महाराणा प्रताप की जयंती रविवार को देहात अंचल में धूमधाम से मनाई गई। कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए वक्ताओं ने उन्हें युवा पीढ़ी के लिए प्रासंगिक और आदर्श बताया। कहा कि उनके विचारों को आत्मसात करना बेहद जरूरी है।

अछनेरा: महाराणा प्रताप की जयंती पर किरावली, रायभा और सिंगारपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीते ठाकुर और प्रधानपति सोनू सिसोदिया के संयुक्त नेतृत्व में हुए कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के अदम्य साहस की गाथा सुनाई गई। जीते ठाकुर ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद को न्योछावर कर दिया। उन्होंने मुगलों के आगे घुटने नहीं टेके और उन्हें युद्ध में पराजित भी किया। युवा पीढ़ी को उनके बताए मार्ग पर चलने की जरूरत है। इस दौरान गांवों को सैनिटाइज भी कराया गया। ग्रामीणों को कोरोना महामारी से बचाव के टिप्स दिए गए। योगी मास्टर, निहाल सिंह, बंटी, बीपी सिकरवार, जगदीश सिंह, बबलू ठाकुर, अनिल, भानु, नीटू ठाकुर, रामनरेश आदि थे।

एत्मादपुर: मुगलों को धूल चटाने वाले नायक महाराणा प्रताप की जयंती पर एत्मादपुर में वर्चुअल गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें क्षेत्रीय विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर अपनी मातृभूमि की रक्षा की। उन्होंने युद्धभूमि में कई बार मुगलों को पराजित किया था। युवाओं को उनके आदर्शो पर चलने की जरूरत है। गोष्ठी में विष्णु ठाकुर, डा. रमेश सोलंकी, विश्वदीप सिह, योगी धाकरे, राजीव गुप्ता, प्रमोद पाठक, सुधीर सिह, गगन सिसोदिया, सनी तोमर, सोनू राठौर, संदीप वर्मा, अजयपाल सोलंकी, अमरदीप सिह, सौरभ शर्मा, नवीन जादौन, सत्या मौजूद रहे।

शमसाबाद: कस्बा में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। समाजसेवी शिशुपाल सिंह धाकरे ने कहा कि महाराणा प्रताप ने युद्ध के दौरान सूखी घास की रोटियां तक खाईं, पर मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की। युवाओं को ऐसे महानायक के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। कुलदीप सरपंच ने बताया कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते जयंती मनाई गई।

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