आक्सीजन की आस में सुबह से हो रही शाम

आक्सीजन प्लांट पर आक्सीजन सिलिंडर भरवाने के लिए लग रही लोगों की लाइन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 09:00 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 09:00 PM (IST)
आक्सीजन की आस में सुबह से हो रही शाम
आक्सीजन की आस में सुबह से हो रही शाम

आगरा, जागरण संवाददाता। अपनों की एक-एक सांस को सहेजने के लिए मशक्कत। न कड़ी धूप की चिता और न खाने की फिक्र। दिल में घबराहट और माथे पर पसीना। स्वजन के हर फोन पर घटती-बढ़ती दिल की धड़कन। कुछ ऐसा ही हाल है आक्सीजन सिलिंडर भरवाने के लिए लाइन में लगे लोगों का। सिकंदरा स्थित आक्सीजन प्लांट पर लंबी-लंबी लाइन लग रही है। प्लांट के बाहर सड़क पर दूर तक सिर्फ खाली सिलिंडर ही नजर आ रहे हैं।

अधिकांश कोरोना संक्रमितों को आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। अस्पतालों का बुरा हाल है। सहज किसी मरीज को बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहा। ऐसे में बहुत से संक्रमित घर में अपना उपचार करा रहे हैं। इसके लिए स्वजन आक्सीजन सिलिंडर का बंदोबस्त करने में एढ़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल एक बार प्रयोग होने के बाद सिलिंडर को दोबारा में भरवाने में आ रही है। स्वजन को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। खाने-पीने की चिता किए बगैर लोग कड़ी धूप में अपनी बारी आने का घंटों इंतजार कर रहे हैं। घंटों की मेहनत के बाद खिल रहे चेहरे : घंटों मशक्कत के बाद जिन लोगों के आक्सीजन सिलिंडर भर जा रहे हैं, वे आक्सीजन प्लांट से तीव्र गति से निकल रहे हैं। पीछे पलटकर भी नहीं देख रहे। उन्हें पता है कि उनकी एक मिनट की भी देरी, उनके मरीज को भारी पड़ सकती है। आक्सीजन मिलने के बाद वह इतने खुश हो रहे हैं कि मानो उनका मरीज आधा अभी ठीक हो गया हो।

केस: एक

अलबतिया रोड निवासी मनीष के पिता कोरोना संक्रमित हैं। उन्हें आक्सीजन की जरूरत है। एक आक्सीजन सिलिंडर का तो जैसे-तैसे बंदोबस्त हो गया था। इसे दोबारा भरवाने के लिए मनीष शुक्रवार सुबह लगभग नौ बजे सिकंदरा स्थित आक्सीजन प्लांट पर पहुंचे। यहां लंबी लाइन लगी हुई थी। शाम लगभग चार बजे के आसपास उनका आक्सीजन सिलिडर रीफिल हो पाया। तब तक वे धूप में ही खड़े रहे। केस: दो

खेरिया मोड़ निवासी मोनू के भाई को आक्सीजन की जरूरत है। वह कोरोना संक्रमित है। उसका घर में ही इलाज चल रहा है। उसने कहीं से आक्सीजन के खाली सिलिंडर का तो बंदोबस्त कर लिया लेकिन इसमें आक्सीजन भरवाने में उसका पसीना छूट गया। शुक्रवार सुबह वह सिकंदरा स्थित आक्सीजन प्लांट पर लाइन में लगा। शाम को सिलिंडर मिल पाया। इस बीच वह सुबह से शाम तक भूखा ही लाइन में लगा रहा।

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