ताजमहल की एडवांस टिकट बुकिग पर सर्वर का लाक
देशभर के स्मारकों की अब केवल सात दिन पूर्व ही बुक करा सकेंगे टिकट हाटस्पाट में स्मारकों के आने की आशंका को देखते हुए किया गया बदलाव
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल की एडवांस टिकट बुकिग पर सर्वर का लाक लग गया है। पर्यटक और टूर आपरेटर अब देशभर के स्मारकों की केवल सात दिन पूर्व ही एडवांस टिकट बुकिग कर पा रहे हैं। पहले वे तीन माह पूर्व एडवांस टिकट बुक करा लेते थे। कोविड-19 के काल में स्मारकों के हाटस्पाट में आने की आशंका को देखते हुए एडवांस टिकट बुकिग की व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है।
कोरोना काल में ताजमहल व आगरा किला 21 सितंबर को और फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्माद्दौला, मेहताब बाग समेत अन्य स्मारक एक सितंबर को खुल गए थे। स्मारकों पर एक दिन में टिकटों की बुकिग पर कैपिग (टिकट बुकिग की अधिकतम संख्या) लागू है। ताजमहल में पांच हजार, आगरा किला में ढाई हजार और अन्य स्मारकों में दो हजार की कैपिग है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने कोरोना काल में स्मारकों में कैपिग लागू करने के बाद अब एक और बदलाव किया है। पूर्व में पर्यटक स्मारकों की टिकट तीन माह पूर्व बुक करा सकते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया गया है। एएसआइ की वेबसाइट से अब ताजमहल समेत देशभर के सभी स्मारकों की सात दिन की एडवांस टिकट ही बुक हो पा रही हैं। शुक्रवार को 30 अक्टूबर तक की ही स्मारकों की आनलाइन एडवांस टिकट बुक हो पा रही थीं। इससे आगे की तिथियों की टिकट बुक नहीं हो रही थीं।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि कोरोना काल में अनिश्चितता की स्थिति है। स्मारक के नजदीक अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिलता है तो क्षेत्र हाटस्पाट में शामिल हो जाएगा। उस स्थिति में स्मारक को बंद करना पड़ेगा। इसलिए एडवांस टिकट बुकिग को सात दिन तक सीमित किया गया है। कोरोना काल के बाद पूर्व की भांति व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। एएसआइ करेगा रिफंड
एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारकों की आनलाइन टिकट बुकिग कराने पर रिफंड की व्यवस्था नहीं है, जिससे पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एएसआइ के दिल्ली मुख्यालय द्वारा संपर्क करने पर बताया गया कि अगर हाटस्पाट में आने पर कोई स्मारक बंद किया जाएगा तो पर्यटकों को टिकट बुकिग के पैसे का रिफंड किया जाएगा।
---- स्मारकों की एडवांस टिकट बुकिग को सात दिन तक सीमित किए जाने से पर्यटक परेशान हैं और टिकट बुक नहीं कर पा रहे हैं। एएसआइ को स्मारकों पर लागू की गई कैपिग पर पुनर्विचार करना चाहिए।
-सुनील गुप्ता, चेयरमैन नार्दन रीजन, इंडियन एसोसिएशन आफ टूर आपरेटर्स एएसआइ द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी व्यवस्थाओं में परिवर्तन कर दिया जाता है। पूर्व में रातोंरात स्मारक बंद कर दिए गए थे। कैपिग को नहीं बढ़ाया गया तो सर्दियों में पर्यटक परेशान हो सकते हैं।
-राजीव सक्सेना, उपाध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा