झपकी आने पर हुई दुर्घटना, पिता पुत्र की मौत
शाहगंज के पथौली में फतेहपुर सीकरी रोड पर हुई दुर्घटना जयपुर से बेटे गौरांग को लेकर लौट रहे थे परीक्षा के सिलसिले में गए थे
आगरा, जागरण संवाददाता । फतेहपुर सीकरी मार्ग पर शाहगंज क्षेत्र में सड़क हादसे में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक सुनील कुमार रतन और उनके पुत्र की मौत हो गई। उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। जबरदस्त टक्कर से कार के परखच्चे उड़ गए। वह बेटा गौरांग की परीक्षा के सिलसिले में उसे लेकर जयपुर गए थे। वहां से लौटते समय हादसा हो गया।
घटना शनिवार को तीसरे पहर करीब पौने चार बजे की है। सुनील कुमार रतन धौलपुर हाउस में रहते थे। उनकी उम्र करीब 50 साल थी। परिवार के नजदीकी लोगों के अनुसार उनका एक घर जयपुर के रंगोली गार्डन में भी है। वह बेटे गौरांग को उसकी परीक्षा से संबंधित कार्य के मामले में जयपुर लेकर गए थे। बेटे की उम्र 17 साल थी।
इंस्पेक्टर शाहगंज सत्येंद्र सिंह राघव ने बताया कि पथौली और टाटा गेट के बीच रतन की कार अनियंत्रित हो गई। वह सड़क के दूसरी ओर जाकर पेड़ से टकरा गई। जबरदस्त टक्कर के चलते कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। पिता-पुत्र कार में फंस गए। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गौरांग को किसी तरह बाहर निकाला। उसे गंभीर हालत में एसएन इमरजेंसी भेजा। करीब आधा घंटे के प्रयास के बाद पुलिस ने रतन को कार से बाहर निकाला। तब तक वह दम तोड़ चुके थे। उधर, बेटे ने भी एसएन इमरजेंसी में दम तोड़़ दिया।
एसएन इमरजेंसी पहुंचे एलआइसी के अधिकारी
एलआइसी के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक और उनके बेटे की मौत की जानकारी होने पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एसएन इमरजेंसी पहुंच गए। क्लास वन फेडरेशन के अध्यक्ष बृज मोहन गौतम, राजेश उपाध्याय व संयुक्त सचिव सुरेंद्र वर्मा ने पुलिस से दुर्घटना की जानकारी ली। उन्होंने वरिष्ठ मंडल प्रबंधक के स्वजन को हादसे के बारे में जानकारी दी। उनकी पत्नी शहर से बाहर गई हुई हैं। बड़ा बेटा चिन्मय पिता के साथ नहीं गया था। वह काम के सिलसिले में आगरा में ही रुक गया था। झपकी लगने पर हुआ हादसा
कार जिस तरह से अचानक अनियंत्रित होकर सड़क के दूसरी ओर पेड़ से टकराई, इससे आशंका है कि हादसा कार चलाते समय झपकी आने से हुआ। पुलिस ने आसपास के लोगों से भी जानकारी ली, लेकिन वह कुछ नहीं बता सके। कार के टकराने के बाद जोरदार धमाके की आवाज होने पर लोगों का ध्यान उधर गया था।