Cyber Crime: यूट्यूब से सीखे क्राइम टिप्स, अपनी ही कंपनी के मालिक को बनाया पहला शिकार
फारवर्ड एप के जरिए फर्जी खातों में रकम ट्रांसफर करने के आरोपित दो साइबर शातिर गिरफ्तार। आरोपित ने बताया कि उसने अपनी ही कंपनी के मालिक से मोबाइल रिचार्ज कराने के बहाने फोन और एटीएम ले लिया। मालिक के मोबाइल में वेब टेक्सट एप्लीकेशन इंस्टाल कर दी।
आगरा, जागरण संवाददाता। यूट़्यूब से साइबर क्राइम सीख शातिर ने अपनी कंपनी के मालिक को शिकार बना लिया। फारवर्ड एप के जरिए फर्जी खातों में एक लाख दस हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए। ठगी के शिकार पीड़ित द्वारा रेंज साइबर थाने में शिकायत करने पर छानबीन के दाे आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
इंस्पेक्टर रेंज साइबर थाना विनोद कुमार पांडेय ने बताया टीचर्स कालोनी, जयपुर हाउस लोहामंडी निवासी प्रवीन कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनके बैंक खाते से एक लाख दस हजार रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर किए गए थे। साइबर थाने ने छानबीन की, इसमें आरोपितों के नाम सामने आए। साइबर थाने की टीम ने आरोपितों विनीत शर्मा और आकाश मदनावत निवासी संजीव नगर, फांउड्री नगर है। उनके फरार साथियों विशाल सोलंकी निवासी मथुरा और दीपेश निवासी टोंक राजस्थान हैं।
पुलिस के पूछताछ करने पर आरोपितों ने बताया कि उन्होंने कमाई के लिए साइबर क्राइम काे अपना माध्यम बनाया था। यूट्यूब से साइबर क्राइम के तरीके सीखे। विनीत ने बताया कि उसने अपनी ही कंपनी के मालिक से मोबाइल रिचार्ज कराने के बहाने फोन और एटीएम ले लिया। मालिक के मोबाइल में वेब टेक्सट एप्लीकेशन इंस्टाल कर दी।उसके लिंक को गूगल बार कोड से अपने मोबाइल में खोलकर इंस्टाल एप्लीकेशन में स्कैन कर लिया। जिसमें पीड़ित के फोन पर आने वाले सभी मैसेज व ओटीपी उसके मोबाइल पर भी आने लगे।
विनीत ने पूछताछ में बताया कि ओटीपी और डेबिट कार्ड की डिटेल हासिल करने के बाद रकम ट्रांसफर करने के लिए विशाल और दीपेश के नाम से फर्जी खाते खुलवाए। जिसमें रकम ट्रांसफर करते थे। पेटीएम के खाते से दुकानों से सामान खरीद लिया। जिससे किसी को शक न हो। साथ ही पीड़ित के नाम से फर्जी सिम और आईडी का प्रयाेग करके अमेजन का फर्जी अकाउंट खोला गया। पुलिस को गुमराह करने के लिए अमेजन से ई-वाउचर खरीदे गए। इन ई-वाउचर से अलग-अलग राज्यों में छोटे-छोटे ट्रांजिक्शन कर प्रयोग किया गया।