यहां होगी लंकापति रावण की पूजा, रावण के दहन पर रोक लगाने को लिखेंगे पोस्टकार्ड

सारस्‍वत समाज करेगा दशहरे पर लंकापति रावण की पूजा। 21 अक्‍टूबर को पूजा के लिए होगी दशानन की स्‍थापना। रावण को शिव भक्‍त और शिव तांडव के रचियता बताते हुए पुतला दहन पर रोक लगाने की मांग बीते कुछ वर्षों से की जा रही है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 02:59 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 03:09 PM (IST)
यहां होगी लंकापति रावण की पूजा, रावण के दहन पर रोक लगाने को लिखेंगे पोस्टकार्ड
सारस्वत समाज रावण की पूजा-अर्चना कर उसकी आरती उतारेगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। लंकापति महाराज दशानन (रावण) पूजा समिति सारस्वत समाज रावण की पूजा-अर्चना कर उसकी आरती उतारेगा। इसकी शुरुआत 21 अक्टूबर को पूजा के लिए रावण की स्थापना के साथ होगी। 22 अक्टूबर को रावण के दहन पर रोक लगाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया जाएगा।

समिति द्वारा 23 अक्टूबर को संगोष्ठी, 24 अक्टूबर को रावण की संध्या आरती और 25 अक्टूबर को हवन पूजा की जाएगी।

लंकापति महाराज दशानन (रावण) पूजा समिति सारस्वत समाज कई वर्षों से रावण के पुतले के दहन का विरोध कर रहा है। समिति संयोजक डॉ. मदन मोहन शर्मा और एडवोकेट उमाकांत सारस्वत ने बताया कि रावण सारस्वत ब्राह्मण, प्रकांड विद्वान और महाज्ञानी थे। शिव भक्त, शिव तांडव के रचयिता थे, उनकी पूजा होनी चाहिए। दशहरा पर लोगों को अपने अंदर की बुराइयों का दहन करना चाहिए। रावण के पुतले का दहन गलत है। नवरात्र में रावण की पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा, जिससे इस दशहरा पर रावण के दहन पर रोक लगाई जा सके।

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