वीर चक्र से सम्‍मानित शहीद की प्रतिमा को 32 साल में भी जगह नहीं दे सका आगरा का प्रशासन

धारा जीत सिंह चाहर जाट रेजीमेंट की फोर्थ बटालियन में तैनात थे। धारा जीत सिंह वर्ष 1988-89 में श्रीलंका भेजी गई भारतीय सेना में शामिल थे। श्रीलंका में लिट्टे से मुठभेड़ में शहीद हुए थे। शहीद की वीर नारी ने की शहीद स्थल को जमीन देने की मांग।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:58 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:58 AM (IST)
वीर चक्र से सम्‍मानित शहीद की प्रतिमा को 32 साल में भी जगह नहीं दे सका आगरा का प्रशासन
शहीद धारा जीत सिंह की प्रतिमा स्‍थापना के लिए जमीन के इंतजार में स्‍वजन।

आगरा, जेएनएन। वीर चक्र से सम्मानित शहीद की प्रतिमा के लिए प्रशासन 32 वर्षों से जमीन उपलब्ध नहीं करा सका है। वीर नारी ने शहीद पति की प्रतिमा लगाने को जमीन उपलब्ध कराने और एक मार्ग का नामकरण शहीद के नाम पर करने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

कागारौल के गांव नगला हीरा सिंह निवासी वीर नारी ब्रजेश देवी के पति धारा जीत सिंह चाहर जाट रेजीमेंट की फोर्थ बटालियन में तैनात थे। धारा जीत सिंह वर्ष 1988-89 में श्रीलंका भेजी गई भारतीय सेना में शामिल थे। वो श्रीलंका के बबुनिया सेक्टर में तैनात थे। फोर्थ बटालियन के कमांडर कर्नल विजय सिंह (विशिष्ट सेवा मेडल) और कंपनी कमांडर मेजर जे. घोषाल के नेतृत्व में उन्होंने अपनी टीम के साथ लिट़्टे की उतरी कमान के लीडर जस्सी को मुठभेड़ में मार गिराया था। वह स्वयं भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। केंद्र सरकार ने बहादुरी से भरी शहादत पर उन्हें 13 जनवरी, 1989 को वीर चक्र से सम्मानित किया था। 32 वर्ष गुजरने के बावजूद शहीद की वीर नारी ब्रजेश देवी अपने पति के शहीद स्थल की बाट जोह रही है। शहीद स्थल बनवाने को शासन-प्रशासन ने आज तक उन्हें जमीन उपलब्ध नहीं कराई है। ब्रजेश देवी ने राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह, सांसद राजकुमार चाहर और जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया से उनके गांव से निकलते ही जगनेर रोड पर शहीद स्थल बनवाने और वीर शहीद के नाम पर सड़क का नामकरण कराने की मांग की है।

युवाओं को मिलेगी प्रेरणा

वीर नारी का मानना है कि अगर शहीद का शहीद स्थल बन जाएगा तो युवाओं को उससे प्रेरणा मिलेगी। वो देश पर मर मिटने के लिए तैयार रहेंगे।

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