Make Small Strong: मेहनत और पारदर्शिता से सौंदर्य प्रसाधन कारोबार में खींच दी नई लकीर

Make Small Strong व्यापार जमाने के लिए अपने समय की परख और तकनीक का सहयोग लिया। कड़ी मेहनत की और ग्राहकों का विश्वास जीता। कम रेट पर अच्छे प्रोडक्ट उपलब्ध कराए। यही वजह है कि वर्तमान में कास्मेटिक की दस से अधिक कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 09:10 AM (IST)
Make Small Strong: मेहनत और पारदर्शिता से सौंदर्य प्रसाधन कारोबार में खींच दी नई लकीर
लुहार गली में कुमार स्‍टोर पर कॉस्‍मेटिक्‍स का सामान।

आगरा, राजीव शर्मा। किसी लकीर को छोटा करने के लिए उसके बराबर बड़ी लकीर खींचनी पड़ती है। चुनौतियों के दौर में कारोबार को स्थापित करना आसान नहीं होता। लीक से अलग चलना पड़ता है। वक्त के साथ कारोबार में बदलाव के साथ ही ग्राहकों की संतुष्टि के लिए जिसने अलग राह चुनी, उसने मुकाम हासिल किया। कास्मेटिक प्रसाधन उत्पाद के कारोबारी मेघराज दियालानी ने भी यही किया और आज इस क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है।

खालसा गली में 'कुमार स्टोर' नाम से शोरूम संचालक मेघराज का ये पुश्तैनी काम नहीं है। उनके पिता जमुना दास की मुखर्जी मार्केट में कपड़े की दुकान थी। वर्ष 2000 में उनका निधन हो गया तो मेघराज के लिए दो ही रास्ते थे। पिता का कारोबार संभालें या कोई दूसरा काम शुरू करें। तब कपड़ा कारोबार में तमाम लोगों की प्रतिभागिता से उन्होंने नया काम शुरू करने की सोची। भाई उमाशंकर का साथ मिला तो अपनी सोच को रफ्तार देने लगे। मेघराज बताते हैं कि लोगों में अपनी सुंदरता के लिए जागरूकता आ रही थी। सोचा कि क्यों न सौंदर्य प्रसाधन का कारोबार किया जाए। नई राह चुनना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन भाई के सहयोग और हौसले ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। कास्मेटिक की दुनिया में कदम रखा।

वे बताते हैं कि तब खालसा गली में 'कुमार स्टोर' से दुकान खोली। दिल्ली से माल लाकर यहां बेचने लगे। सस्ते और अच्छे उत्पाद हाथोंहाथ बिकने लगे। काम चलने लगा। आसपास के शहरों के दुकानदार उनके यहां से सामान ले जाने लगे। सौंदर्य प्रसाधन कंपनियों ने संपर्क कर अपना डिस्ट्रीब्यूटर बना लिया। आज की स्थिति में कई कंपनियों के डिस्ट्रब्यूटर हैं। काम बढऩे के साथ ही हमने दुकान को शोरूम का रूप दे दिया।

ग्राहक को गुमराह नहीं किया

मेघराज अपनी कामयाबी के पीछे कारोबार में पारदर्शिता बताते हैं। कहते हैं कि ग्राहक को कभी गुमराह नहीं किया। न उत्पाद की गुणवत्ता में और न रेट में। सौदा खरा-खरा ही किया। ग्राहकों को ये तरीका पसंद आया। दुकान से शोरूम तक का सफर ग्राहकों के भरोसे ही पूरा किया।

सोशल मीडिया को बनाया सहभागी

मेघराज ने बताया कि आसपास के जिलों से दुकानदार यहां आते थे। उनका समय और पैसा, दोनों खर्च होते थे। हम वाट्सएप ग्रुप पर उन्हें प्रोडक्ट के बारे में बताने लगे, फिर फोन पर ही आर्डर बुक करने लगे। इससे दुकानदारों को सहूलियत होने लगी और हमारा कारोबार आगे बढ़ता गया।

कारोबार को आगे बढ़ाती है नई तकनीक

मेघराज दियालानी बताते हैं कि नई तकनीक हमारे काम को आसान करने के लिए है। हमें इसे सीखना चाहिए। इससे हमें व्यापार को बढ़ाने में काफी सहयोग मिलता है। सहूलियत होती है, वह अलग। पहले हमें एक-एक प्रोडक्ट पसंद करने के लिए दिल्ली में कई बाजारों में पैदल घूमना पड़ता था। अब हम अपनी गद्दी पर बैठे-बैठे सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर के प्रोडक्ट देख लेते हैं। इसकी जानकारी अपने दुकानदारों को भी कराते हैं। हम अपने दुकानदारों की सहूलियत का पूरा ध्यान भी रखते हैं। हम नहीं चाहते कि हमारी तरह से दूसरे दुकानदार परेशान हों। इसलिए हम जिस कंपनी का जो नया प्रोडक्ट आता है, उसकी पूरी जानकारी हम वाट््सअप ग्रुप पर डाल देते हैं। फेसबुक के माध्यम से भी उसका प्रचार करते हैं। जिस दुकानदार को जो प्रोडक्ट पसंद आता है, उसका फोन पर ही आर्डर बुक कर लेते हैं। हम उसकी सप्लाई कर देते हैं। पेमेंट आनलाइन हो जाता है। बताते हैं कि त्योहारी सीजन में उनका व्यापार थोड़ी गति पकड़ रहा है। लाकडाउन में वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ग्राहकों के संपर्क में रहे। हालांकि इस बीच व्यापार तो पूरी तरह ठप रहा। मगर, ये दौरान नए-नए प्रोडक्ट के बारे में पढऩे का खूब मौका मिला। विभिन्न कंपनियों के प्रोडक्ट में तुलना का भी अवसर मिला। ताकि हम अपने अनुभव के आधार पर अपने ग्राहकों को कम रेट पर अच्छे सौंदर्य प्रसाधन उपलब्ध करा सकें।

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