श्वेत धवल पोशाकों में सजे कृष्ण-मुरारी
घरों में भी अपने आराध्य को ऐसा मनमोहन रूप देने के लिए बाजार में धवल वर्ण की पोशाकों की खासी मांग रही
आगरा, जागरण संवाददाता। शरद पूर्णिमा पर जब चंद्र देवता अपनी पूर्ण आभा बिखेर रहे थे, तो नटखट कान्हा की सुनहरी देह की आभा धवल चांदनी जैसी श्वेत पोशाकों में और निखर कर आई। इसके लिए मंदिरों में पहले से ही तैयारियां की गईं थी, लेकिन घरों में भी अपने आराध्य को ऐसा मनमोहन रूप देने के लिए बाजार में धवल वर्ण की पोशाकों की खासी मांग रही।
मनकामेश्वर मंदिर गली स्थित पोशाकों की दुकानों पर भगवान श्रीकृष्ण के साथ सभी आराध्यों के लिए राजस्थान और गुजरात से आई इन विशेष पोशाकों की खास मांग रही। अंबिका पूजनालय के मयंक मिश्रा ने बताया कि सुनहरे चमकदार कपडे़ और गोटे से सजी यह पोशाकें श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहीं, इन्हें खास तौर पर गुजरात और राजस्थान से मंगाया गया है। इन पर रजत जड़ित रत्न इसकी शोभा और बढ़ा रहे हैं। कोरोना काल में जब मंदिरों के कपाट बंद हैं और श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पा रहे, तो वे इन पोशाकों को खास श्रृंगार को ले जाकर स्वयं ही घर पर उन्हें तैयार कर उनकी आभा निहार रहे हैं।