Agra Darshan: ताजनगरी में अभी भी ख्वाब बना हुआ है हवाई दर्शन, जानिए क्या है इसके पीछे कारण
Agra Darshan पर्यटन विभाग ने हेलीपोर्ट के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट भेजा है लखनऊ। हेलीकॉप्टर से पर्यटकों को आगरा दर्शन कराने की है योजना। नौ जनवरी 2019 में कोठी मीना बाजार मैदान में हुई रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में हेलीकॉप्टर से 'आगरा दर्शन' सैलानियों के लिए ख्वाब बना हुआ है। हेलीपोर्ट का काम अब तक नहीं हो सका है। पर्यटन विभाग ने रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कराकर लखनऊ भेजा है, जिस पर स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। इससे इस पर्यटन सीजन में हवाई दर्शन ख्वाब ही बना रहेगा।आगरा में पर्यटकों को हेलीकॉप्टर द्वारा 'आगरा दर्शन' कराने की योजना है। नौ जनवरी, 2019 में कोठी मीना बाजार मैदान में हुई रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था। इनर रिंग रोड और आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे पर मदरा में हेलीपोर्ट बनाया जा रहा है। पांच एकड़ क्षेत्रफल में 4.95 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाली योजना में 70 फीसद से अधिक काम हो चुका है। लोक निर्माण विभाग का प्रांतीय खंड यह काम कर रहा है। उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इसके लिए जगह उपलब्ध कराई थी, वहीं किसान से 200 वर्ग गज जमीन ली गई। स्वीकृत काम अक्टूबर तक पूरा किया जाना था, लेकिन इसकी उम्मीद बहुत कम है।
मुख्यालय पर बनाई थी डीपीआर, अब बढ़ गए काम
योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय द्वारा तैयार की गई थी। स्थानीय स्तर पर उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम अप-टू-डेट नहीं थे। इसके चलते प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर करीब 7.9 करोड़ तक पहुंच गई है। इसका रिवाइज्ड एस्टीमेट पर्यटन विभाग ने लखनऊ भेजा हुआ है, जिस पर स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
योजना
- करीब पांच एकड़ जमीन में बनाया जा रहा है हेलीपोर्ट।
- एक हेलीपैड बनाया जा रहा है।- हेलीकॉप्टर खड़ा करने को दो हैंगर यहां होंगे।
- यात्री विश्रामगृह, टिकटघर भी होगा।
- स्वीकृत बजट के अनुसार 70 फीसद से अधिक काम हो चुका है।
- 4.95 करोड़ रुपये की स्वीकृत हुई थी योजना।
'हेलीपोर्ट के लिए पूर्व में लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय द्वारा डीपीअार तैयार कराई गई थी। स्थानीय स्तर पर उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम को अप-टू-डेट किया गया है, जिससे कुछ काम काम बढ़े हैं। इसकी रिवाइज्ड एस्टीमेट निदेशालय को भेजी गई है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार हो रहा है।'
- अमित, उपनिदेशक पर्यटन