Fight Against CoronaVirus: जानिए क्या है पल्स आक्सीमीटर प्रयोग करने का सही तरीका और क्या करें जब आक्सीजन लेवल होने लगे कम
Fight Against CoronaVirus कोरोना के तनाव से भी कम हो सकता है आक्सीजन का स्तर। सांस रोगियों और कुछ लोगों में सामान्य स्थिति में 92 से 95 के बीच रहता है आक्सीजन का स्तर। पल्स आक्सीमीटर अच्छी कंपनी का खरीदना चाहिए।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण में फेंफडों में संक्रमण हो रहा है। संक्रमण बढ़ने पर सांस लेने के बाद फेंफड़ों से खून में आक्सीजन कम पहुंच रही है। इससे खून में आक्सीजन का स्तर (एसपीओटू) कम होने लगा है। यह आक्सीजन का स्तर कोरोना संक्रमण किस स्तर का है, यह बताता है। एसएन मेडिकल कालेज के मेेडिसिन विभाग के प्रो मनीष बंसल ने बताया कि पल्स आक्सीमीटर अच्छी कंपनी का खरीदना चाहिए। आक्सीमीटर से अपने घर में अलग अलग लोगों का एसपीओटू स्तर चेक कर लें, इससे पता चल जाएगा कि रीडिंग में गड़बड़ी तो नहीं है।
बुजुर्ग, सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज, जिन लोगों को खर्राटे आते हैं, ऐसे लोगों में सामान्य अवस्था में भी आक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है। इसलिए वे न घबराएं। कोरोना संक्रमण के तनाव के कारण भी आक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। इसलिए 45 सेकंड तक पल्स आक्सीमीटर लगाकर रखे, इस दौरान कई बार रीडिंग बदलेगी। इससे पता चल जाएगा कि आक्सीजन का स्तर कम तो नहीं हो रहा है। एक उंगली में रीडिंग कम आ रही है तो अन्य उंगली और अंगूठा में आक्सीजन का स्तर चेक करें। दूसरे हाथ की उंगली में भी चेक कर लें। ब्लड प्रेशर भी चेक कर लें। एक घंटे बाद दोबारा चेक करें, यह लगातार कम है तो डाक्टर से तुरंत संपर्क करें। आक्सीजन का सामान्य स्तर 95 से अधिक होना चाहिए। यदि संपर्क आक्सीजन का स्तर 92 से नीचे पहुंचने लगे तो डाक्टर से संपर्क् करें।
कब करें आक्सीजन की जांच
कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज हर घंटे पर आक्सीजन के स्तर की जांच करते रहें मामूली लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीज दो से तीन घंटे के अंतराल पर आक्सीजन के स्तर की जांच करें। सर्दी जुकाम और बुखार है तो दिन में एक दो बार जांच कर सकते हैं।
आक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए यह करें
पेट के बल लेट जाएं और ब्रीथ्रिंग एक्सरसाइज करें मोटे लोग करवट से सोएं भाप लें, इससे नाक की रुकावट दूर हो जाएगी वेंटीलेशन हो, ऐसे कमरे में रहेंमास्क उतारकर पल्स आक्सीमीटर लगाएं।