Covid Control Room: ताजनगरी के लिए संकटमोचक बना कोविड कंट्रोल सेंटर, जल्द होंगे अहम बदलाव
Covid Control Room फोन और वाट्सएप से कर सकते हैं शिकायतें 283 करोड़ रुपये से बने एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का है हिस्सा। बेड आक्सीजन दवाओं की उपलब्धता पर किया गया फोकस जल्द ही सेंटर में कई और भी होंगे बदलाव।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड की पहली लहर हो या फिर दूसरी लहर। दोनों में कोविड कंट्रोल सेंटर संकटमोचक बना है। पहली बार ऐसी व्यवस्था शुरू की गई जो आने वाले समय के लिए मददगार बनेगी। पहली बार एक क्लिक पर निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड, आक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता का ब्योरा सामने आ गया। हालांकि पांच से सात दिनों तक शहर आक्सीजन के संकट से जूझा। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोगों को परेशान होना पड़ा। इन सबके बाद भी सेंटर को तीन शिफ्ट में चलाया गया। एक हजार से अधिक लोगों को बेड उपलब्ध कराए गए। सेंटर के नंबर पर न सिर्फ फोन किया जा सकता है बल्िक वाट्सएप के माध्यम से भी शिकायत की जा सकती है।
आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ताजगंज सहित नौ वार्डों को एक हजार करोड़ रुपये से स्मार्ट तरीके से विकसित किया जा रहा है। इसी में एक योजना एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की है। नगर निगम परिसर में आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय हैं जहां 283 करोड़ रुपये से सेंटर बनाया गया है। इसी सेंटर में कोविड कंट्रोल सेंटर संचालित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत तीन सप्ताह पूर्व हुई थी। अब तक 7800 के आसपास शिकायतें पहुंचती हैं जिसके तहत एक हजार लोगों को बेड उपलब्ध कराए गए हैं। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि सेंटर में जल्द ही कई और सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
तीसरी लहर की तैयारी शुरू, 350 बेड का बना अस्पताल
जिला प्रशासन ने कोविड की तीसरी लहर की अभी से तैयारी शुरू कर दी है। सींगना में एफमेक संस्था की मदद से 350 बेड का अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया गया है। बेड चार्ज अन्य अस्पतालों के मुकाबले कम है।
आक्सीजन से हवा बनाने के हैं दो प्लांट
शहर में हवा से आक्सीजन बनाने के दो प्लांट हैं। पहला प्लांट शास्त्रीपुरम औद्योगिक रोड स्थित एडवांस गैस् प्लांट और दूसरा टेढ़ी बगिया स्थित अग्रवाल आक्सीजन प्लांट है। आक्सीजन संकट को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेना की मदद से इस प्लांट को चालू कराया था। अहमदाबाद से कंप्रेशर मंगाया गया था। दोनों प्लांट की क्षमता 2200 सिलेंडर प्रतिदिन की है। वहीं मोदीनगर, जामनगर, रांची से आगरा को हर दिन लिक्विड आक्सीजन के तीन से चार टैंकर मिल रहे हैं। यहां से यह टैंकर विशेष विमानों की मदद से संबंधित शहरों को भेजे जाते हैं।