Chaitra Navratri 2021: 13 अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं नवरात्र, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त् और विधान

Chaitra Navratri 2021 नवरात्रि का पर्व पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल से आरंभ हो रहा है। नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को किया जाएगा। घटस्थापना का मुहूर्त प्रात 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 02:38 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 02:38 PM (IST)
Chaitra Navratri 2021: 13 अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं नवरात्र, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त् और विधान
नवरात्रि का पर्व पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल से आरंभ हो रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। चैत्र मास का आरंभ हो चुका है। सनातन धर्म के अनुसार वर्ष के इस पहले मास की शुरुआत माता की आराधना और श्री राम चंद्र के जन्मोत्सव के साथ होती है। इस मास में नवरात्रि का विशेष और पवित्र अवसर घर घर में मनाया जाता है। नौ दिन मां की आराधना के पवित्र दिनों के संदर्भ में ज्योतिचाषार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा का कहना है कि इस वर्ष पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल से आरंभ हो रहा है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि का पर्व आरंभ हो जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना यानि घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में नियमों का पालन महत्वपूर्ण माना गया है। नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि में मां की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है वहीं सुख, समृद्धि और जीवन में शांति बनी रहती है।

चैत्र नवरात्रि में नवमी की तिथि कब है?

पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुभारंभ होगा। नवमी की तिथि 21 अप्रैल को पड़ेगी। वहीं नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को किया जाएगा।

घटस्थापना मुहूर्त कब है?

घटस्थापना से ही नवरात्रि की पूजा का विधिवत आरंभ माना जाता है। नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल को घटस्थापना की जाएगी। इस दिन घटस्थापना का मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं। इसके उपरांत पात्र के ऊपर कलश की स्थापना करें। कलश में जल भरें। इसमें गंगाजल भी मिलाएं। कलश पर कलावा बांधें। कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रख दें। फिर जटा नारियल को कलावा को बांध दें। लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रखें

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