Plasma Donation: जानिए कोरोना संक्रमण के कितने दिनों बाद कर सकते हैं प्लाज्मा डोनेट और क्या बरतें सावधानी
Plasma Donation संक्रमित व्यक्ति अपनी निगेटिव रिपोर्ट आने के 28 दिनों के बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकता है। जिस व्यक्ति के दोनों टीका लग चुके हैं वह व्यक्ति भी दूसरा टीका लगने के 28 दिनों के बाद अपना प्लाज्मा किसी भी संक्रमित व्यक्ति को दान कर सकता है।
आगरा, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्लाज्मा थैरेपी संक्रमित मरीज के लिए एक सहारा है। जिसके तहत एक संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद उसका प्लाज्मा दूसरे संक्रमित व्यक्ति को नया जीवन दे सकता है। खास बात यह है कि प्लाज्मा देने वाले को कोई परेशानी भी नहीं होती है।
फिजीशियन डा. मनीष बंसल ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति अपनी निगेटिव रिपोर्ट आने के 28 दिनों के बाद कभी भी अपना प्लाज्मा दान कर सकता है। जिस व्यक्ति के दोनों टीका लग चुके हैं, वह व्यक्ति भी दूसरा टीका लगने के 28 दिनों के बाद अपना प्लाज्मा किसी भी संक्रमित व्यक्ति को दान कर सकता है। बहुत जरूरी होने पर एक व्यक्ति एक माह के अंदर दूसरी बार भी अपना प्लाज्मा दान कर सकता है। क्योंकि एक व्यक्ति से अधिकतम 500 एमएल ही रक्त लिया जाता है और जिसे प्लाज्मा देना होता है, उसे मात्र 200 एमएल ही दिया जाता है। इसमें सिर्फ लेने और देने वाले का ब्लड ग्रुप मिलाया जाता है। क्रास मैचिंग की जाती है। प्लाज्मा लेने वाले व्यक्ति की भी कई तरह की जांच की जाती है। इसके बाद ही प्लाज्मा एक-दूसरे को चढ़ाया जाता है।
डा. मनीष ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपना एक साल तक प्लाज्मा दान कर दूसरे संक्रमित व्यक्ति को नया जीवन दे सकता है। प्लाज्मा देने से कोई परेशानी नहीं है। शरीर 24 घंटे में ही रिकवरी कर लेता है। प्लाज्मा थैरेपी कोई नई विधि नहीं है। आपके शरीर से निकले रक्त को मशीनों द्वारा फिल्टर किया जाता है, जिसमें से प्लाज्मा तैयार होता है।