Leela App: आगरा का केंद्रीय हिंदी संस्थान करेगा लीला एप के अपग्रेडेशन में सहयोग
राजभाषा विभाग के साथ शुरू हुई बैठक केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष पहुंचे। 2005 में हुई थी एप अपग्रेड शैक्षणिक और तकनीकी स्तर के सहयोग के लिए संस्थान से हो रही चर्चा। हिंदी शिक्षण प्रशिक्षण के लिए राजभाषा विभाग की एप पिछले 12 सालों से काम कर रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय हिंदी संस्थान राजभाषा विभाग की लीला एप के शैक्षणिक और तकनीकी अपग्रेडेशन में सहयोग करेगा। इसकी रूपरेखा बनाने के लिए संस्थान में शुक्रवार को बैठक हो रही है।
सरकारी कर्मचारियों के हिंदी शिक्षण प्रशिक्षण के लिए राजभाषा विभाग की लीला एप पिछले लगभग 12 सालों से काम कर रही है। इस एप को अंतिम बार 2005 में अपग्रेड किया गया था। वर्तमान में भी इस एप का अपग्रेडेशन होना है। इस बार अपग्रेडेशन के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान से सहयोग मांगा गया है। संस्थान चूंकि सालों से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का काम कर रहा है, इसलिए यह जिम्मेदारी संस्थान को देने के लिए पहले चरण की बैठक इस साल जनवरी में गृह मंत्रालय में हो चुकी है। पहले चरण की बैठक में संस्थान की तरफ से सकारात्मक जवाब था। दूसरे चरण की बैठक आज संस्थान में हो रही है। संस्थान एप के शैक्षणिक और तकनीकी अपग्रेडेशन में सहयोग करेगा।
केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा जोशी और राजभाषा विभाग के सदस्य सचिव आनंद कुमार संस्थान पहुंच चुके हैं। सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। अतिथियों का स्वागत निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने किया। बीज वक्तव्य प्रो. वीआर जगन्नाथ ने दिया। अनिल कुमार शर्मा जोशी ने अध्यक्षीय उदबोधन दिया। संयोजक प्रो. हरिशंकर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यशाला में संस्थान की तरफ से डा. राजेश कुमार, विजय कुमार मल्होत्रा, डा. प्रमोद शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला में राजभाषा विभाग की तरफ से मोहन लाल बाधवानी, बाबू लाल मीना, नागेंद्र सिंह, वरूण कुमार, विनोद संदलेश व विक्रम सिंह ने प्रतिभाग किया।
बैठक के दूसरे और तीसरे चर्चा सत्र में लीला शिक्षण पैकेज के संवर्धन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया और इसे हिंदी शिक्षार्थियों की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। राजभाषा विभाग के लीला पैकेज का उपयोग हिन्दीतर भाषी सरकारी कार्मिकों को हिंदी प्रयोग में दक्ष बनाना है। लेकिन इसके प्रारंभिक स्तर ( प्रबोध ) का इस्तेमाल सामान्य रूप से हिंदी सीखने के लिए भी किया जा सकता है जिसको और संवर्धित करने के लिए राजभाषा विभाग और केंद्रीय हिंदी संस्थान साझे सहयोग के क्षेत्रों पर विचार इस कार्यशाला में किया गया। बैठक में लीला ऑनलाइन पाठ्यक्रम की विस्तार से प्रस्तुति दी गयी और इसकी विशेषताओं को समझाया गया।