Fight Against CoronaVirus: कोरोना से लड़ना है तो इस प्रणायाम को कर लें अपनी दिनचर्या में शामिल, उतर सकता है चश्मा भी
Fight Against CoronaVirus कोरोना से बचाएगा कपालभाति प्राणायाम। कपालभाति क्रिया यदि विपरित करणी आसन या मुद्रा में की जाए तो फेफडे गले तथा नासिका की सफाई आसानी से हो जाती है। नेत्र ज्योति वात रोग तथा पाचन संबंधी रोगों में लाभ होता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी को खुद को सुरक्षित रखने के लिए सभी तरह के सेफ्टी नियमों का पालन करना चाहिए। यह बीमारी सांस के जरिए इंसान को प्रभावित करती है तो मजबूत इम्यून सिस्टम के जरिए इससे लड़ा जा सकता है। कपालभाति प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को मजबूत करने के साथ इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है।
योग विशेषज्ञ बबीता के मुताबिक कपालभाति क्रिया यदि विपरित करणी आसन या मुद्रा में की जाए तो फेफडे, गले तथा नासिका की सफाई आसानी से हो जाती है। इस आसन या मुद्रा से रक्त प्रवाह मस्तिष्क की ओर जाता है जिससे रक्त शुध्दि, मस्तिष्क व फेफडों की पुष्टि हो जाती है। साथ ही नेत्र ज्योति, वात रोग तथा पाचन संबंधी रोगों में लाभ होता है। जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। हृदय रोगी इनका अभ्यास सीमित मात्रा में और गुरू के निर्देशन में करें। कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल के रोगी यह आसन न करें। इस आसन व क्रिया से फेफड़े मजबूत होते हैं।
ऐसे करें
- सबसे पहले आराम से बैठकर शुरुआत करें।
- अपनी कमर को सीधा रखें और आंख बंद रखें।
- अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें और तैयार हो जाएं।
- सांस को पूरी तरह से छोड़ें।
- नाक के जरिए सांस लें और तेजी से सांस छोड़ें। अब अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचते हुए अपने पेट से ताकत के साथ फेफड़ों से पूरी हवा को बाहर निकालें।
- जैसे ही आप नाभि और पेट को आराम देंगे तो आपकी सांस अपने आप आपके फेफड़ों में चली जाएगी।
- एक राउंड के लिए ऐसी 20 सांसें लीजिए। अपनी आंखों को बिना खोले आराम कीजिए और अपने शरीर में प्रतिक्रिया को महसूस कीजिए।
- अब आप कपालभाति प्राणायाम के 2 और राउंड कर सकते हैं।
कब करें
कपालभाति प्राणायाम को सुबह बिना नाश्ता किए खाली पेट करना सबसे बेहतर है। हालांकि आप इसे रात के भोजन के दो घंटे के बाद भी कर सकते हैं।