Jyeshtha Purnima 2021: कल है ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा, इस योग में पूजन देगा विशेष फल

Jyeshtha Purnima 2021 भगवान श्री सत्यनारायण जी की कथा पढ़ना अथवा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्रीगणेश जी माता पार्वती भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:20 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:20 PM (IST)
Jyeshtha Purnima 2021: कल है ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा, इस योग में पूजन देगा विशेष फल
इस वर्ष 24 जून गुरुवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है

आगरा, जागरण संवाददाता। पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप श्री सत्यनारायण जी का पूजन किया जाता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार भगवान श्री सत्यनारायण जी की कथा पढ़ना अथवा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्रीगणेश जी, माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा गुरुवार को पड़ने के कारण इसका और भी महत्व बढ़ जाता है क्योंकि गुरुवार और पूर्णिमा तिथि दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। इस वर्ष 24 जून गुरुवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है और ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का पारण 25 जून शुक्रवार को होगा। गुरुवार 24 जून सुबह 06 बजकर 05 मिनट तक शुभ योग रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग आरंभ हो जाएगा। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इन योगों में किए गए शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। कुछ लोग नया अनाज अपने कुल देवताओं को चढ़ाने के बाद ही खाना शुरू करते हैं।

व्रत रखकर पूजा

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के द‍िन प्रातः काल उठकर स्‍नान करना चाह‍िए। इसके बाद हाथ जोड़कर पूरे दिन का उपवास रखने का संकल्प लेना चाहिए। इस द‍िन बरगद के पेड़ की पूजा भी होती है। बरगद के पेड़ की पूजा करते समय अन्न, फूल,गुड़, धूप, दीप चढाएं। महि‍लाएं सुहाग का सामान चढ़ाएं व पूजन के समय वट वृक्ष में धागे से फेरे लगाएं।

रात में चंद्रमा की पूजा

वहीं इस द‍िन जल से भरा हुआ सोने या फ‍िर मि‍ट्टी का घड़ा दान करना होता है। इसके अलावा इस द‍िन पकवान आद‍ि भी बनाकर दान करना शुभ माना जाता है। रात के समय चंद्रमा की व‍िध‍िव‍िधान से पूजा की जाती है। पूजन में अन्न, फूल, गुड़, धूप, दीप आद‍ि चढ़ाना चाहि‍ए। इसके अलावा खीर आद‍ि का भोग लगाना चाह‍िए।

इस मंत्र का करें जप

चंद्रमा की पूजा करते समय व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए:

वसंतबान्धव विभो शीतांशो स्वस्ति न: कुरु।

गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।

इसल‍िए होती हैं पूजा

इस द‍िन बरगद के पेड़ की पूजा इसलि‍ए की जाती है। जब भगवान यम ने सीधे सत्यवान के प्राणों को हर ल‍िया था। इस दौरान सत्‍यवान की पत्‍नी सा‍व‍ित्री ने बरगद के पेड़ के नीचे यम के साथ लगभग तीन दिन बहस की। अंत में सावि‍त्री सफलतापूर्वक अपने पत‍ि के प्राणों को वापस भी ले आयी थी। इसल‍िए इस द‍िन वट साव‍ित्री की पूजा होती है।  

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