World Migratory Birds Day: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली जोधपुर झाल

World Migratory Birds Day कल है विश्व प्रवासी पक्षी दिवस। 250 से अधिक प्रजातियों को मथुरा में किया जा चुका है सूचीबद्ध। मुख्यत साइबेरिया अलास्का मंगोलिया ताजिकिस्तान उज्बेकिस्तान रूस फ्रांस जर्मनी तिब्बत सहित सेंट्रल ऐशिया व यूरोपीय देशों से प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रतिवर्ष होता है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:48 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:48 PM (IST)
World Migratory Birds Day: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली जोधपुर झाल
मथुरा का जोधपुर झाल बना प्रवासी पक्षियों के लिए पसंदीदा जगह। फाइल फोटो

आगरा, जेएनएन। मथुरा भौगोलिक तौर पर वेटलैंड, यमुना नदी, प्राकृतिक जल स्त्रोतों, पहाड़ों और जंगलों की प्राकृतिक स्थली है। यहां एक दर्जन से अधिक स्थलों पर प्रवासी पक्षियों की शरणस्थलियों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी स्थल को पक्षी विहार के तौर पर घोषित नहीं किया गया है। जोधपुर झाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। प्रवासी व आवासीय पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। इसलिए ब्रज में प्रवासी पक्षियों के शरणस्थलों को सुरक्षित रखने की जरूरत है।

पक्षियों का अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि यूरोप और मध्य एशिया से पक्षी मथुरा पहुंचते हैं। इनमें मुख्यत: साइबेरिया, अलास्का, मंगोलिया, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस, फ्रांस, जर्मनी, तिब्बत सहित सेंट्रल ऐशिया व यूरोपीय देशों से प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रतिवर्ष होता है। पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि केवल फरह व वृंदावन में आवासीय व प्रवासी पक्षियों की लगभग 180 प्रजातियों की पहचान हो चुकी है। जिनमें 70-80 प्रजातियां प्रवासी पक्षियों की हैं।

मथुरा में इन ठिकानों की हो चुकी है पहचान

साल दर साल मथुरा में प्रवासी पक्षियों के बढ़ते आगमन का मुख्य कारण यहां मौजूद वेटलैंड्स हैं। मथुरा में जोधपुर झाल, वृंदावन, मांट खादर, आगरा कैनाल , गोवर्धन ड्रेन, नगला अबुआ, सोनोठ, छोटी कोसी, सौंख रोड, यमुना के तटीय क्षेत्र, सांखी सहार, छाता-कोसी, खायरा, कोकिला वन, जुनसुटी, अडींग, गोवर्धन, नगला अकोस, कोयला-अलीपुर, गोकुल बैराज, रिफाइनरी आदि स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं।

मथुरा में आते हैं यह प्रवासी पक्षी

पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का आगमन सबसे अधिक होता है। मुख्य रूप से ग्रेटर फ्लेमिंगो, नोर्दन शोवलर, ग्रेटर कोर्मोरेट, पाइड एवोसेट , नार्दन पिनटेल, बार हेडेड गूज, नाब-बिल्ड डक, रूडी शैल्ड डक, पेंटिड स्टार्क , ब्लूथ्रोट, स्पून-बिल्ड डक, रेड शैंक, लेशर विशलिंग डक, ग्रीन शैंक , बुड सेंडपाइपर, काटन पिग्मी गूज, गेडवाल, गर्गिने, ग्रीन बिंग्ड टील, मलार्ड, कामन कूट, सिट्रिन वेगटेल, यलो वेगटेल आदि शामिल हैं।

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