जोधपुर झाल मिटा सकता है आगरा की प्यास
जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को लेनी होगी रूचि नेशनल चैंबर प्रतिनिधियों ने किया जोधपुर झाल का निरीक्षण
आगरा, जागरण संवाददाता। लगातार गंभीर होती आगरा की पानी की समस्या का समाधान हर कोई तलाश रहा है। मामले में नेशनल चैंबर और जलाधिकारी फाउंडेशन ने बुधवार को जोधपुर झाल का निरीक्षण कर संभावनाएं तलाशी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से इसमें रूचि लेने की अपील की।
चैंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल का कहना है कि हमारे आसपास पर्याप्त जल उपलब्ध है। लेकिन प्रबंधन सही न होने से पानी की किल्लत है। यदि जोधपुर झाल के पानी को व्यर्थ होने से रोक दिया जाए और उसमें पानी के इंटेक व डिस्चार्ज का सही प्रबंधन हो जाए, तो जोधपुर झाल से ही क्षेत्र की पानी की समस्या दूर हो सकती है। जोधपुर झाल जलाशय को पं. दीनदयाल सरोवर के रूप में विकसित करना बहुउद्देशीय महत्वाकांक्षी योजना है। आगरा नहर के सिकंदरा रजवाहा के सु²ढ़ीकरण कार्य की आवश्यकता है, क्योंकि सिकंदरा रजवाह, इस योजना की ही नहीं, सूरसरोवर कीठम झील के लिए डिस्चार्ज होने वाले पानी की व्यवस्था की भी रीढ़ है। नहर की पटरी जहां कमजोर है, वहां अर्थवर्क करवाया जाना है। इसके लिए चेंबर हर संभव सहयोग करेगा। मामले में चैंबर जल्द ही सिचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक करेगा, यदि सिचाई विभाग सहमति और डिजाइन आदि उपलब्ध करा देगा, तो जरूरी सैल्युस गेट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा, जिससे नहर सुरक्षित रहेगी और पानी व्यर्थ नहीं होगा।
जोधपुर झाल आगरा नहर का टर्मिनल है। ओखला से 100 मील (107.9 34 किलोमीटर) की दूरी तय करके नहर झाल के ठीक अप-स्ट्रीम में मिलती है। इसका पानी टर्मिनल राजवाह, सिकंदरा रजवाहा में बंटता है और सिकंदरा रजवाहा से ही कीठम एस्केप निकलता है। जलाधिकार फाउंडेशन के राजीव सक्सेना का कहना है कि जोधपुर झाल व आगरा टर्मिनल में यदि छोटे छोटे सुधार हो जाएं, तो पानी का व्यर्थ बहाव बंद होगा।