जया कुमारी ने युवाओं से कहा, हार या जीत जिन्दगी का हिस्सा है, जिन्दगी नहीं Agra News
भावगत कथा संग मोटिवेशन स्पीच जल्द शुरु करेंगी कथा वाचक।
आगरा, जागरण संवाददाता। हार या जीत जीवन का एक छोटा सा हिस्सा है, जीवन नहीं। क्या पता ईश्वर ने आपकी किस्मत में इस हार के बाद बड़ी जीत लिख रखी हो। आजकल के युवा छोटी-छोटी बातों पर इतने निराश हो जाते हैं कि जीवन तक त्याग देते हैं। ईश्वर पर भरोसा रखना सीखें। कठिनाइयों से उबरना अपने आप सीख जाएंगे। हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। ईश्वर पर विश्वास रखने वाले कठिन वक्त से आसानी से उबर जाते हैं।
कथावाचक जया किशोरी ने मंगलवार को विजय नगर स्थित सारंग रेज़ीडेंसी में प्रेस वार्ता में यह बात कही।
हाल ही में कुछ मामले सामने आने की वजह से कथावाचकों के प्रति बढ़ते अविश्वास के जवाब में उन्होंने कहा कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। एक-दो चमत्कार देखकर गुरु न बनाएं। सच्चा और अच्छा गुरु वही है जो भक्त को खुद से नहीं बल्कि ईश्वर से जोड़े। जब- जब हमने इंसान को भगवान की उपाधि दी तब- तब गलत हुआ। ईश्वर एक ही है। आध्यात्म के लिए जरूरी नहीं आप अपना घर छोड़ें। किसी आश्रम में रहें। मैंने अपनी सभी शिक्षा घर में रहकर ही पूरी की। युवाओं के मेक इन इंडिया या अध्यात्म से जुड़ने के सवाल पर कहा कि मैं युवाओं को मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने का काम कर रही हूं। भगवान से जुड़़ने के बाद व्यक्ति में मुश्किलों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है। अपना करियर शुरू करने के सवाल पर कहा कि मैंने 6 वर्ष की आयु में शुरुआत की थी। तब करियर के बारे में कुछ नहीं सोचा था। भगवान ने अपने आप रास्ता दिखाया। कोई प्लानिंग नहीं की। उन्होंने कहा कि वे अब कथा के साथ मोटीवेशनल स्पीकिंग सेशन भी युवाओं के बीच कराएंगी। क्योंकि युवाओं में जीवन सम्बंधी समस्याएं, तनाव अवसाद जैसे मामले काफी बढ़ रहे हैं।