महाराजा सूरजमल को नमन करते जाट महासभा ने मनाया शौर्य दिवस, दिलाई थी आगरा को मुगलों से आजादी

681 साल बाद महाराजा सूरजमल ने आगरा को मुगलों से आजाद कराया था 12 जून को। आगरा में जाट महासभा ने इस अवसर पर मनाया शौर्य दिवस। आगरा किले पर उस समय फाजिल्‍का खां का कब्‍जा था। मुक्‍त कराने के बाद आगरा में कराया मंदिरों का जीर्णोद्धार।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 10:23 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:23 AM (IST)
महाराजा सूरजमल को नमन करते जाट महासभा ने मनाया शौर्य दिवस, दिलाई थी आगरा को मुगलों से आजादी
महाराजा सूरजमल के योगदान को लेकर जाट महासभा ने शौर्य दिवस मनाया।

आगरा, जागरण संवाददाता। लगातार 681 साल तक गुलामी की जंजीरों में जकङा व मुगलिया अत्याचारों के समक्ष बेबस आगरा को अदम्य शौर्य व साहस के प्रतीक भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल ने 12 जून 1761 को मुगलों से हुए युद्ध के बाद आजाद करा लिया था। इसके बाद भरतपुर शासकों ने आगरा पर 1774 तक शासन किया। हालांकि इस बात पर इतिहासकारों के अलग अलग मत हैं।

जाट महासभा ने महाराजा सूरजमल का स्मरण कर उनकी विजय पर हर्ष व्यक्त किया। अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिह चाहर ने कहा कि उन दिनों आगरा पर मुगलों की ओर से फाजिल्का खाॅ यहां का किलेदार था और उस समय भरतपुर शासक महाराजा सूरजमल की वीरता और शौर्य के चर्चे हर तरफ थे। महाराजा सूरजमल ने राजा बलराम सिंह व अपने भतीजे व वैर के राजा बहादुर सिंह के नेतृत्व में आगरा पर आक्रमण कर दिया। यह आक्रमण 4 मई 1761 को किया। भरतपुर सेना ने आगरा किले को 20 दिन तक घेरे रखा। उसी दौरान महाराजा सूरजमल ने भरतपुर से अपनी ऐतिहासिक लाखा तोप का परीक्षण किया। लाखा तोप का गोला आगरा किले में आकर गिरा। जिससे मुगल सेना के पैर उखड़ गए।

फाजिल खाॅ ने हथियार डाल दिए और इसके बाद आगरा मुगलों से आजाद हो गया।

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कु शैलराज सिंह एड ने कहा कि आगरा किले पर महाराजा सूरजमल का अधिकार बहुत ही भावुक भरा था क्योंकि नौ दशक पूर्व उन्ही के वंशज वीर गोकुला व उनके चाचा उदय सिंह को औरंगजेब ने इस्लाम कबूल न करने पर आगरा कोतवाली में अंग-अंग काटकर मृत्यु दण्ड दिया था।

अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिह चाहर ने कहा कि भरतपुर शासकों के आगरा 1774 तक अधीन रहा और यहीं से महाराजा सूरजमल के पुत्र महाराजा जवाहर सिह आदि ने शासन चलाया। इसके लिए महाराजा जवाहर सिंह की छतरी खास महल के पास शाहजहां की बेटी रोशन आरा की छतरी के नजदीक ही बनी हुई है और महाराजा नवल सिंह की छतरी भी बनी हुई है। भरतपुर शासकों ने और महाराजा जवाहर सिंह ने आगरा में अनेक निर्माण कार्य कराए। मुगलों द्वारा तोड़े गए नष्ट किए गए मंदिरों का जीर्णोद्धार किया और अनेक बाग बगीचे लगवाए।

शौर्य दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष चौ गोपीचंद व लखपति सिंह चाहर, ओपी वर्मा, जिला महामंत्री रामवीर नरवार, युवा जाट महासभा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिओम जूरैल, यशपाल राणा, नरेश इन्दौलिया, युवा जाट महासभा के मण्डल अध्यक्ष मेघराज सोलंकी, देवेन्द्र चौधरी, शिशुपाल चौधरी, युवा जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी, जयप्रकाश चाहर, भूपेन्द्र सिंह राणा, डा कुमरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह फौजदार, वीर फौजदार, अजय फौजदार, अशोक चाहर, मुकेश पहलवान, शौर्येन्द्र चाहर, मुकेश चाहर, संतोष चाहर, धर्मवीर चौधरी आदि मौजूद रहे।

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