Fatehpur Sikri: फतेहपुर सीकरी में इस्लाम खां के मकबरे का होगा संरक्षण, दिखेगा नई रंगत में
सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के बराबर में बना हुआ है मकबरा। रेड सैंड स्टोन से बने मकबरे के गुंबद पर चूने के प्लास्टर हो रहा है। एएसआइ ने मकबरे के संरक्षण को किया टेंडर 20.46 लाख रुपये से होगा काम।
आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी स्थित इस्लाम खां के मकबरे का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किया जाएगा। मकबरे के संरक्षण को टेंडर कर दिया गया है। इस पर करीब 20.46 लाख रुपये व्यय होंगे।
फतेहपुर सीकरी में सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के नजदीक इस्लाम खां का मकबरा बना हुआ है। रेड सैंड स्टोन से बने मकबरे के गुंबद पर चूने के प्लास्टर हो रहा है। छत पर गुंबद के चारों ओर छोटी-छोटी बुर्जियां बनी हुई हैं। मकबरे में जाली वर्क का काम है। मौसम की मार के चलते मकबरे के गुंबद पर हो रहा चूने का प्लास्टर कई जगह से खराब हो गया है। फर्श और बार्डर के कई पत्थर खराब हो गए हैं। एएसआइ ने यहां संरक्षण के लिए टेंडर किया है। इसमें मकबरे के गुंबद पर बाहर और अंदर की तरफ से खराब हुए चूने के प्लास्टर को हटाकर नया प्लास्टर किया जाएगा। प्वाइंटिंग का काम किया जाएगा। फर्श व बार्डर के खराब पत्थरों की जगह नए पत्थर लगाए जाएंगे।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि इस्लाम खां के मकबरे के संरक्षण को टेंडर किया गया है। मकबरे के संरक्षण में तीन माह का समय लगेगा।
बंगाल के सूबेदार थे इस्लाम खां
इस्लाम खां सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के पौत्र थे। वो मुगल सेना के जनरल थे। उन्हें शहंशाह जहांगीर के समय बंगाल का सूबेदार बनाया गया था। वर्ष 1613 में उनकी मौत के बाद उनके शव को फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के नजदीक दफनाया गया था। उनके मकबरे में अन्य 24 कब्रें भी बनी हुई हैं।