यह बुखार है या डेंगू- या कुछ और

अस्पतालों में बैड हुए फुल सरकारी आंकड़े बयां कर रहे अलग कहानी मंगलवार को मिले डेंगू के 1

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 09:58 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 09:58 PM (IST)
यह बुखार है या डेंगू- या कुछ और
यह बुखार है या डेंगू- या कुछ और

आगरा, जागरण संवाददाता।

आगरा और ग्रामीण क्षेत्र में हर दूसरे घर में जानलेवा बुखार से पीड़ित बच्चे और युवा बिस्तर पकड़े नजर आ रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती होने के लिए जगह नहीं बची है। एक बैड पाने के लिए तमाम सिफारिशें करनी पड़ रही हैं। हद तो ये है कि हर दिन आगरा में बुखार से आठ से 10 मौतें हो रही हैं। माता पिता के कलेजे का टुकड़ा असमय दुनिया से विदा से ले रहा है और सरकारी मशीनरी उसकी मौत डेंगू से न होना बता रही है। सरकारी आंकड़ों में अब तक आगरा में सिर्फ एक मौत डेंगू से हुई है, जबकि जानकारों का कहना है कि बीते दो महीनों में आगरा में 450 से ज्यादा मृत्यु हो चुकी हैं, इनमें से अधिकांश बच्चे हैं। स्वास्थ्य विभाग इन सभी को संदिग्ध बुखार बता रहा है। आखिर ये संदिग्ध बुखार है क्या, चिकित्सा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों के बीच संदिग्ध या रहस्यमयी बुखार को कोई नाम क्यों नहीं दिया जा रहा है, अब ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं।

मंगलवार को डेंगू के 18 नए मरीज मिले, जिसमें से आगरा में आठ, हाथरस में छह,मैनपुरी में दो व एटा में दो मरीज मिले। अब तक कुल 351 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू का डेन टू स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है। इस स्ट्रेन में तीन दिन तक बुखार आने के बाद चौथे से छठवें दिन के बीच अचानक से तबीयत बिगड़ रही है। बेहोशी, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत के साथ मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। स्कूल भेजने में डर रहे अभिभावक

डेंगू और बुखार के डर से अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। यही नहीं, पार्कों में खेलने की भी मनाही हो गई है। बच्चों को पूरी बाजू और पैंट, जींस या लोअर पहनाए जा रहे हैं। घरों में पूरा दिन मच्छर भगाने के उपाय अपनाए जा रहे हैं। कोई बच्चों को नीम का तेल लगा रहा है तो कोई नारियल का। रसूलपुर में नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला

फतेहपुरसीकरी विकास खंड के ग्राम रसूलपुर में विगत एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत डेंगू व बुखार से हुई है। इससे क्षेत्र में दहशत है। विगत 18 सितंबर को डेंगू से भाई-बहन की मृत्यु हो गयी थी। उसके बाद स्वच्छता अभियान चला। गांव में गंदगी का अंबार है। एक दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार हैं, जिनमें से कुछ की डेंगू की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। विगत 17 अक्टूबर को उदय सिंह की तीन माह की पुत्री अनुष्का की मृत्यु हो गई थी। इससे पूर्व 12 अक्टूबर को पूरन सिंह की तीन माह की पुत्री श्वेता की मृत्यु हो चुकी है। 18 अक्टूबर की रात्रि मालती की छह वर्षीय पुत्री प्राची की आगरा में मृत्यु हो गई। विमलेश ने बताया कि शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दावत की मेज पर हुआ डेंगू मरीजों का इलाज

आगरा,जागरण संवाददाता।

अस्पतालों में बैड फुल है, मरीजों को भर्ती कराने के लिए सिफारिशें लगानी पड़ रही हैं। पर बरहन के आंवलखेड़ा में तो एक निर्माणाधीन घर में झोलाछाप ने अस्पताल बना दिया। दावत की मेजों को बैड बनाकर मरीजों को भर्ती कर लिया और इलाज भी करने लगा। इंटरनेट मीडिया पर जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, अस्पताल बंद कर झोलाछाप भाग गया। मरीज भी आसपास के अस्पतालों में भर्ती हो गए। सीएमओ ने मामले की जांच की बात कही है।

इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक वीडियो वीडियो 12 सेकंड और दूसरा 23 सेकंड का है। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि मरीज मेजों पर लेटे हुए हैं। ग्लूकोज की बोतल को दीवार की खूंटी से टांग दिया गया है। मेजों के नीचे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। एक ही कमरे में आधा दर्जन मरीज मेजों पर लेटे दिख रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही झोलाछाप फर्जी अस्पताल को बंद कर भाग खड़ा हुआ, मौके से प्लास्टिक की बोरी में भरे हुए खाली दवाओं के रैपर, ग्लूकोज की बोतलें व अन्य सामान मिला है। सीएमओ डा. अरूण श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, जांच के लिए टीम भेजी जाएगी।

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