आगरा में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की जमीन की बाधा दूर, अब योजना पकड़ेगी रफ्तार
डीएफसीसीआइएल को रहनकलां में मिली एक हजार एकड़ जमीन जिला प्रशासन ने यूपीएसआइडीए को उपलब्ध कराई थी जमीन। क्लस्टर विकसित करने को लेकर तीस सितंबर को होने जा रही है अहम बैठक। इधर शास्त्रीपुरम योजना की जांच अभी आगे नहीं बढ़ी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड के किनारे विकसित होने वाले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की जमीन की बाधा दूर हो गई है। रहनकलां गांव में एक हजार एकड़ जमीन चिन्हित हो गई है। यह जमीन पूर्व में थीम पार्क के लिए खरीदी गई थी। किसानों से जमीन उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआइडीए) के नाम अंकित हो गई है जबकि अब यह जमीन डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया लि. (डीएफसीसीआइएल) के नाम होने जा रही है। इसे लेकर तीस सितंबर को अहम बैठक होने जा रही है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि डीएफसीसीआइएल द्वारा क्लस्टर विकसित किया जाएगा। क्लस्टर बनने से आसपास के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
इंजीनियरों का वेतन रोकने की चेतावनी
आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने शनिवार को संपत्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन संपत्तियों की अभी तक नक्शे तैयार नहीं हुए हैं। उन्हें जल्द से जल्द तैयार कर लिया जाए। लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों का वेतन रोका जाएगा। उन्होंने लावारिस संपत्तियों की तलाश तेज करने पर जोर दिया। चार माह के भीतर एडीए टीम 1200 करोड़ रुपये की संपत्तियों की तलाश कर चुकी है।
शास्त्रीपुरम योजना की जांच नहीं पकड़ रही रफ्तार
शास्त्रीपुरम आवासीय योजना में पांच बीघा जमीन की बिक्री की जांच रफ्तार नहीं पकड़ रही है। जमीन के खेल में एडीए के कई अफसर और इंजीनियर शामिल हैं। इन्हीं की मिलीभगत से जमीन की बिक्री हुई। इसकी शिकायत सांसद राजकुमार चाहर ने मंडलायुक्त् अमित गुप्ता से की थी। मंडलायुक्त ने एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया को जांच के आदेश दिए थे। एडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि जमीन से संबंधित फाइलें तलब की गई हैं।