मुख्तार अंसारी के खिलाफ 22 साल पुराने मामले में गवाही देंगे इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़
जगदीशपुरा थाने में वर्ष 1999 में दर्ज मुकदमे के वादी हैं इंस्पेक्टर। एमपी-एमएलए कोर्ट मुख्तार पर लगे आरोप कर चुकी है तय। एडीजी बरेली ने इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ को कोर्ट में गवाही के लिए जाने के निर्देश दिए हैं।
आगरा, जागरण टीम। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में दर्ज 22 वर्ष पुराने धोखाधड़ी के मुकदमे में बरेली में तैनात इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ गवाही देंगे। मुख्तार के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने फर्जी प्रपत्र तैयार कर सिम कार्ड हासिल करने के मामले में आरोप तय किए हैं। इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ इस मुकदमे के गवाह हैं।
मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में आगरा सेंट्रल जेल में बंद था। उसकी बैरक में मोबाइल फोन और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद हुई थी। मोबाइल में मिले दो सिम कार्ड रामपाल नाम के व्यक्ति के फर्जी कागजात तैयार कर हासिल किए गए थे। इस मामले में जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन चौकी इंचार्ज आवास विकास कालोनी रूपेंद्र गौड़ की तरफ से फर्जी प्रपत्र तैयार करने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। अब इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। अब 10 नवंबर को वादी रूपेंद्र गौड़ की गवाही होगी। रूपेंद्र गौड़ वर्तमान में रामपुर में एएयटीयू प्रभारी हैं। गवाही के लिए एडीजी बरेली को कोर्ट ने पत्र भेजा था। इसके बाद एडीजी बरेली ने इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ को कोर्ट में गवाही के लिए जाने के निर्देश दिए हैं। एडीजी के आदेश के बाद वे 10 नवंबर को कोर्ट में गवाही देने के लिए पेश होंगे।
आगरा में लंबे समय तक तैनात रहे हैं रूपेंद्र गौड़
इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ आगरा में लंबे समय तक तैनात रहे हैं। पहले वे सब इंस्पेक्टर के रूप में शहर की कई चौकियों पर प्रभारी रहे। इसके बाद उन पर कई थानों का चार्ज रहा। बाद में एडीजी कार्यालय में पेशकार के रूप में उनका लंबा कार्यकाल रहा था। इसके बाद वे स्थानांतरित होकर रामपुर पहुंचे हैं।