Inner Ring Road: दो साल में 11 किमी बनाई इनररिंग रोड, तीन साल में सात किमी नहीं बना पाए

रफ्तार नहीं पकड़ पा रही आगरा में इनररिंग रोड योजना। यमुना एक्‍सप्रेस वे से आने वाले ट्रैफिक को सीधे ग्‍वालियर रोड पर कनेक्‍ट करने का है। किसानों के विरोध के चलते बीच में रुक गया काम। वर्तमान में एमजी रोड होकर जाना पड़ रहा है ग्‍वालियर रोड तक।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 02:34 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 02:34 PM (IST)
Inner Ring Road: दो साल में 11 किमी बनाई इनररिंग रोड, तीन साल में सात किमी नहीं बना पाए
आगरा में इनर रिंग रोड का काम अधूरा पड़ा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। इनररिंग रोड के दूसरे चरण का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। प्रशासन अब तक इस योजना की अड़चनों को भी दूर नहीं कर पाया है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनररिंग रोड के पहले चरण के तहत लगभग 11 किमी लंबी सड़क दो साल में बनाकर तैयार कर दी थी, वहीं सात किमी का दूसरा हिस्सा तीन साल में भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है।

कुबेरपुर से ग्वालियर रोड स्थित रोहता तक इनररिंग रोड विकसित की जा रही है। पहले चरण के तहत कुबेरपुर से फतेहाबाद रोड के बीच 10.9 किलोमीटर लंबी रोड का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में ही पूरा हो चुका है। दूसरे चरण के तहत फतेहाबाद रोड से देवरी रोड के बीच लगभग सात किमी का हिस्से का काम वर्ष 2017 में ही शुरू हो गया था। किसानों के विरोध के चलते कई जगह पर यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि प्रशासन किसानों को पेड़, पक्का कुआं आदि का मुआवजा नहीं दे रहा। प्रशासन ने करार के समय हमसे जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हुए। ऐसे में हम अपनी जमीन नहीं देंगे। बता दें कि बुढ़ेरा, गुतिला में जमीन पर अब तक प्रशासन कब्जा नहीं ले सका है। इससे पहले भी मुआवजे की मांग को लेकर इनररिंग रोड के दूसरे चरण का काम रुक चुका है। अधिकारियों के आश्वासन के बाद काम शुरू हो जाता लेकिन कुछ दिन बाद तक जब मांग पूरी नहीं होती तो किसान फिर काम रुकवा देते। अपनी मांग को मनवाने के लिए धरने पर बैठे किसानों पर अक्टूबर 2018 में लाठीचार्ज तक हो गया। बता दें कि दूसरे चरण का कार्य मार्च 2018 में पूरा होना था। 

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