Inner Ring Road: आगरा में इनर रिंग रोड जमीन अधिग्रहण घोटाला, किसानों के समर्थन में आया रालोद

कुबेरपुर से फतेहाबाद रोड के बीच विकसित इनररिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में तत्कालीन अफसरों ने खूब मलाई खाई थी। अपने करीबियों को किसानों की सस्ती जमीन दिलाई तथा उन्हें मोटा मुआवजा दिलवाया। किसानों को दिए गए मुआवजे की दर में भी हेरफेर की गई।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:02 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:02 PM (IST)
Inner Ring Road: आगरा में इनर रिंग रोड जमीन अधिग्रहण घोटाला, किसानों के समर्थन में आया रालोद
भूख हड़ताल के दौरान हालत बिगड़ने पर भर्ती किसान नेताओं को देखने पहुंचे रालोद के महासचिव मुंशी रामपाल।

आगरा, जागरण संवाददाता। इनररिंग रोड जमीन अधिग्रहण घोटाले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय लोकदल भी आ गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुंशी रामपाल ने आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात की। साथ ही उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। यदि किसानों को न्याय नहीं मिलता है तो पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।

कुबेरपुर से फतेहाबाद रोड के बीच विकसित इनररिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में तत्कालीन अफसरों ने खूब मलाई खाई थी। अपने करीबियों को किसानों की सस्ती जमीन दिलाई तथा उन्हें मोटा मुआवजा दिलवाया। इतना ही नहीं, बहुत से किसानों को दिए गए मुआवजे की दर में भी हेरफेर की गई। इसके विरोध में तमाम किसान पिछले लगभग पांच साल से आंदोलन कर रहे हैं। वर्ष 2019 से लेकर अब तक लगभग तीन बार इसकी जांच भी हो चुकी है। एडीएम स्तर से हुई इन जांचों में तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में किसान नेता श्याम सिंह चाहर और उनके समर्थक आंदोलन कर रहे हैं। मगर, अब तक दोषी अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ किसानों ने भूख हड़ताल भी। तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रालोद के महासचिव मुंशी रामपाल ने इनसे मुलाकात की। उन्हें भराेसा दिलाया कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलता, रालोद उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। जरूरत पड़ने पर सड़कों पर उतरकर उनके लिए आंदोलन भी करेगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर का कहना है कि भाजपा सरकार दोषी अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई न कर, उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। यह किसानों के साथ अन्याय है। रालोद इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा सरकार में किसानों का पहले से ही उत्पीड़न हो रहा है। सरकार ने उनसे जो वादे किए, वह सब झूठे निकले। देश का अन्नदाता परेशान हैं। ऐसे में रालोद जरूरत पड़ने पर आंदोलन करेगी।

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