60 वर्षों में आगरा के औद्योगिक क्षेत्र का उतना विकास नहीं हुआ, जितना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समय हुआ
आगरा के उद्योगों पर रहती है दुनिया की निगाह। एफमेक व सीसीएलए ने किया उद्यमी संवाद का आयोजन। औद्योगिक विकास राज्य मंत्री ने कहा योगी के कार्यकाल में हुआ विकास। विकास से प्रदेश की आर्थिक समृद्धि हुई है।
आगरा, जागरण संवाददाता। गति शक्ति योजना देश के उद्योगों के लिए वरदान बनेगी। आगरा के उद्योग विश्व स्तरीय हैं। इन पर पूरी दुनिया की निगाह रहती है। इसलिए प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान यहां के उद्योगों पर रहता है। 60 वर्ष में आगरा के औद्योगिक क्षेत्र का उतना विकास नहीं हुआ, जितना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुआ है। विकास से प्रदेश की आर्थिक समृद्धि हुई है। उनका पूरा प्रयास है कि शहर का हर छोटा-बड़ा उद्योग विकसित हो और तेजी से संपन्नता आए।
आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) व कारपोरेट काउंसिल फार लीडरशिप एंड अवेयरनेस (सीसीएलए) द्वारा होटल भावना क्लार्क इन में आयोजित उद्यमी संवाद में औद्योगिक विकास राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने यह बात कही। उप्र लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग ने कहा कि आगरा में प्रमुख और मध्यम उद्योगों में 12 इकाइयां और लघु उद्योग श्रेणी में 7200 इकाइयां काम कर रही हैं। यह कपास, वस्त्र, पेपर उत्पाद, स्टेशनरी, चमड़े का सामान, धातु उत्पाद, आटो व इंजन पार्ट्स, विद्युत सामान का उत्पादन करती हैं। इनका विकास किया जा रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष डा. रामबाबू हरित ने कहा कि तेज गति से हो रहे आगरा के औद्योगिक विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र हैं। वो बड़े ही नहीं छोटे उद्यमियों की भी चिंता कर रहे हैं।
कार्यक्रम में गोपाल गुप्ता, स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, सुरेशचंद्र गर्ग, विजय निझावन, अजीत कलसी, चंद्रशेखर, उपेंद्र सिंह लवली, जितेंद्र त्रिलोकानी, राममोहन कपूर, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, शकुन बंसल, डाॅ. अभिलाषा प्रकाश ने उद्योगों के विकास को सुझाव दिए। कार्यक्रम में करीब डेढ़ दर्जन औद्योगिक संगठनों व उनसे जुड़े उद्यमियों ने आगरा के विकास को चर्चा की। अतिथियों का स्वागत सीसीएलए के कार्यकारी अध्यक्ष डा. सुरेंद्र सिंह भगौर, संयोजक ब्रजेश शर्मा, संयुक्त सचिव डा. आरएन शर्मा ने किया।
औद्योगिक विकास की उठाई मांग
सीए शरद पालीवाल, एडवोकेट दीपक माहेश्वरी, रोहित जैन, मोहित जैन, अंशुल अग्रवाल, तनय अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, डा. अशोक शर्मा, विनीत बवानिया, सचिन सारस्वत ने विचार व्यक्त करते हुए औद्योगिक विकास की मांग उठाई।
एकल विंडो सिस्टम लागू किया जाए
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि आगरा में प्रतिदिन करीब 1.5 लाख जोड़ी जूते कुटीर, छोटी व मध्यम पैमाने की इकाइयों में बनाए जाते हैं। संगठित 60 जूता इकाइयों, तीन हजार छोटी निर्माण इकाइयों व 30 हजार घर में कारीगर इकाइयां हैं। फुटवियर उद्योग का समर्थन करने वाले उद्योग बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें प्रोत्साहित करने को एकल विंडो सिस्टम लागू करने की जरूरत है।
घरेलू आवश्यकता की 65 फीसद आपूर्ति आगरा से
सीसीएलए के महासचिव अजय शर्मा ने कहा कि आगरा में छोटे पैमाने पर 20 मशीनरी मैन्यूफैक्चरर्स और 100 विभिन्न प्रकार के फुटवियर घटक बताती हैं। भारत में जूते की कुल घरेलू आवश्यकता की करीब 65 फीसद आपूर्ति आगरा से होती है। यहां करीब 70 निर्यात इकाइयां हैं, जिनमें दो सुनहरे कार्ड धारक और तीन रजत कार्ड धारक हैं।