चंबल सेंक्चुरी में उड़ान भर रहे नन्हे इंडियन स्कीमर

चंबल में जल क्रीड़ा करते हुए देखे गए इंडियन स्कीमर के बचे दो सप्ताह में उड़ान भरने को तैयार हो जाते हैं शिशु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST)
चंबल सेंक्चुरी में उड़ान भर रहे नन्हे इंडियन स्कीमर
चंबल सेंक्चुरी में उड़ान भर रहे नन्हे इंडियन स्कीमर

सत्येंद्र दुबे, बाह (आगरा): दुनिया भर में लुप्त प्राय स्थित में पहुंची हिमालयी पक्षी को चंबल की खूबसूरत वादियां रास आ रही है। इंडियन स्कीमर के अंडों से निकले बच्चे अब उड़ान भरने को तैयार है। इस समय इसे चंबल में जल क्रीड़ा करते देखा जा सकता है।

चंबल की बालू में इंडियन स्कीमर अपना घोंसला बनाती हैं। इस बार भी चंबल सेंक्चुरी एरिया के मऊ, नंदगांव, केंजरा, हरलाल पुरा, क्यौरी आदि स्थान पर चंबल की बालू में घोंसला बना अंडे दिए। अंडों से निकले बच्चे अब चंबल सेंक्चुरी में उड़ान भरने को तैयार हैं। जलीय जीव विशेषज्ञ सतेंद्र शर्मा बताते है कि यह पक्षी एक बार में दो से तीन अंडे देता है। सुरक्षा की दृष्टि से इंडियन स्कीमर चंबल की बालू में टापू पर अपना घोंसला बनाते हैं। वहीं अंडों से निकले शिशु दो हफ्ते में उड़ान भरने को तैयार हो जाते है। रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि इस समय इंडियन स्कीमर चंबल की वादियों में सभी को आकर्षित कर रहा है। इंडियन स्कीमर का प्रजनन काल मार्च से जून तक रहता है। जब तक शिशु वयस्क नहीं होते उनकी रखवाली करते हैं। इस समय चंबल का पानी कम होने से घोंसला स्थल तक जंगली जानवर न पहुंचे इस कारण ऊंचाई पर अंडे रखते है। खास है शिकार का अंदाज

इंडियन स्कीमर का शिकार का अंदाज अलग है। यह पानी को चीरता हुआ शिकार करता है। पानी को चीरने की कला में माहिर होने के कारण इसे पंनचीरा नाम से भी जाना जाता है। रास आती है चंबल की वादिया

दुनिया में लुप्त की कगार पर पहुंचे पंनचीरा पक्षी को चंबल की आबोहवा खूब रास आती है। विशेषज्ञ बताते है कि दुनिया भर में जितनी संख्या है उसकी 70 फीसदी पक्षी चंबल में पाए जाते हैं। बच्चे बदलते है रंग

इंडियन स्कीमर के बच्चे जन्म के समय भूरे रंग के होते है। वयस्क होने पर गुलाबी लंबी चोंच गर्दन सफेद गुलाबी पैर और काले रंग का धड़ होता है।

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