ADA: कमीशन के रेट बढ़ने से एडीए में बढ़ा भ्रष्टाचार, कई मामले आ रहे सामने

भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस नीति है लेकिन कोविड काल में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) में कमीशन की पोल खुल गई है। नामांतरण अर्जन की एनओसी सहित अन्य हैं शामिल शिकायतों ने खोली पोल। अर्जन अनुभाग से एनओसी जारी करने में की जा रही है देरी।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:04 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:04 PM (IST)
ADA: कमीशन के रेट बढ़ने से एडीए में बढ़ा भ्रष्टाचार, कई मामले आ रहे सामने
एडीए में बीते कुछ समय में भ्रष्‍टाचार के मामले बढ़े हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस नीति है लेकिन कोविड काल में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) में कमीशन की पोल खुल गई है। जिस कार्य के लिए पहले पांच से दस हजार रुपये लिए जाते थे। अब वह बढ़कर 90 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक हो गया है। हाल यह है कि अर्जन अनुभाग द्वारा दो माह से काेई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं की गई है। इसकी शिकायत शासन और मंडलायुक्त व डीएम से की गई हैं।

एडीए में कमीशन का खेल किसी से छिपा नहीं है। अगर नामांतरण की बात की जाए तो इसमें तीन माह पूर्व बीस हजार रुपये प्रति फाइल लिया जा रहा था जो अब बढ्कर 90 हजार से एक लाख रुपये हो गया है। बिल्डरों को अर्जन अनुभाग द्वारा एनओसी जारी की जाती है पूर्व में यह एनओसी पांच से सात हजार रुपये में मिल जाती थी लेकिन अब 40 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं। बिना पैसे के एनओसी जारी नहीं की जा रही है। तीस के आसपास एनओसी लंबित हैं जबकि 15 दिनों के भीतर एनओसी जारी हो जानी चाहिए। इसी तरह से एडीए में मामूली से कार्य के लिए पहले दो हजार से लेकर दस हजार रुपये लिए जाते थे जो अब बढ़कर 20 हजार से 35 हजार रुपये हो गया है।

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