सामान्य दर पर कटेगा टीडीएस, बिना आइटीआर चुकाना होगा दोगुना
एक अप्रैल से बदल जाएंगे आयकर और टीडीएस के नियम लाकडाउन में मिली टीडीएस कटौती में छूट की सीमा हुई खत्म
आगरा, जागरण संवाददाता। नए वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक अप्रैल से आयकर में कई नए नियम भी लागू जाएंगे, जिसका असर प्रत्यक्ष रूप में आमजन पर पड़ेगा। इनमें प्रमुख है टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीडीएस), जिसकी सामान्य दरों एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी।
सीए पंकज अग्रवाल ने बताया कि लाकडाउन में सरकार ने टीडीएस कटौती पर 25 फीसद की छूट दी थी, जो 31 मार्च 2021 तक लागू थी, एक अप्रैल से यह खत्म हो गई। अब लोगों को सामान्य स्लैब के अनुसार एक से 10 फीसद तक टीडीएस चुकाना होगा। वहीं आइटीआर फाइल न करने वालों पर सख्ती के लिए सरकार ने आयकर अधिनियम में धारा 206 एबी जोड़ी है, जिसके तहत आइटीआर फाइल न करने पर एक अप्रैल से दोगुना टीडीएस देना होगा। वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी रिटर्न से आजादी
सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष से 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आइटीआर फाइल करने से आजादी मिल जाएगी। यह छूट उन्हीं बुजुर्गों को मिलेगी, जिनकी आय का स्त्रोत सिर्फ और सिर्फ पेंशन व ब्याज है। आइटीआर दाखिल करने से छूट तभी मिलेगी, जब ब्याज की आय उसी बैंक में अर्जित की गई हो, जहां पेंशन जमा की जाती है।
रिटर्न फाइलिग होगी आसान
आयकर रिटर्न दाखिल करना अब ज्यादा आसान होगा, क्योंकि वेतन से होने वाली आय के अलावा अन्य साधनों से होने वाली आय जैसे डिविडैंड, कैपिटल-गेन, बैंक जमा पर ब्याज, पोस्ट आफिस की ब्याज आदि की जानकारी पहले से ही फार्म में उपलब्ध होगी, अब तक करदाता को अलग से इसकी गणना नहीं करनी होगी, जिसमें गलती की संभावना रहती थी। यह भी होंगे बदलाव
- बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) के 50 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-इनवायस अनिवार्य हो जाएगा।
- ढाई लाख रुपये से अधिक के पीएफ योगदान पर आयकर लगेगा। ढाई लाख से अधिक जमा रकम पर ब्याज से जो कमाई होगी, उस पर देय कर स्लैब की दर से टैक्स लगेगा।