Self Help Groups in Agra: आगरा में बढ़ रहा स्वयं सहायता समूहों का कुनबा, पढ़ें एक साल में कितने बने
Self Help Groups in Agra बीते एक साल में लगभग 4200 समूह बढ़े हैं जिले में। समूह से जुड़ी महिलाएं अब सौदर्य प्रसाधन की दुकान के साथ ही राशन की दुकान भी संचालित कर रही हैं। कोरोना काल में मास्क और सैनिटाइजर भी खूब बनाए।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल जैसे मुश्किल समय में बहुत से लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।किसी की नौकरी चली गई तो किसी के काम धंधे बंद हो गए हैं। ऐसे में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में स्वयं सहायता समूह सशक्त माध्यम बनकर उभरे हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते एक साल में जिले में 4200 से अधिक समूह बने हैं।
महिलाएं अब हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं। जिले की तमाम महिलाएं घर बैठकर घर का खर्च कराने में सक्षम साबित हाे रही हैं। इसमें उनका स्वयं सहायता समूह मददगार साबित हो रहे हैं। महिलाएं के समूह अब तक स्कूल ड्रेस, जूते बनाने जैसे काम तक ही सीमित थे। अब इनका दायरा बढ़ रहा है। समूह से जुड़ी महिलाएं अब सौदर्य प्रसाधन की दुकान के साथ ही राशन की दुकान भी संचालित कर रही हैं। कोरोना काल में मास्क और सैनिटाइजर भी खूब बनाए। समूह से जुड़ी महिलाएं विभिन्न कार्यों के माध्यम से हर महीने कम से कम छह से नौ हजार रुपये प्रति महीना तक कमा रही हैं।
केस एक: बरौली अहीर ब्लाक के धमौटा गांव की मीरा देवी ने क्षेत्र की 12-14 महिलाओं का समूह बनाया है।ये महिलाएं कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।इससे आजीविका के लिए उन्हें एक नया माध्यम मिल गया है।
केस दो: शमसाबाद ब्लाक में रामरती देवी ने लगभग 15 महिलाओं के साथ समूह की शुरुआत की है।ये महिलाएं वर्तमान में मास्क व ड्रेस बनाने का काम कर रही हैं।प्रत्येक महिला अब घर का खर्च उठाने में सक्षम है।
एक नजर
10600 समूह है जिले में
4200 समूह बने बीते एक साल में
6400 समूह थे मार्च 2020 तक
पिछले एक साल में लगभग 4200 से स्वयं सहायता समूह बढ़े हैं।सभी समूह सरकार की मदद से रोजगार के कुछ न कुछ कार्य कर रहे हैं।
रविशंकर औदीच्य, जिला मिशन प्रबंधक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन