Dispute of Wall: दयालबाग दीवार प्रकरण में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से किया जवाब तलब

हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन से दीवार तोड़ने से पहले क्या लीगल प्रक्रिया अपनाया था। दूसरे पक्ष को अपनी बात रखने का क्या मौका दिया था तीन अगस्त तक मांगी है रिपोर्ट। सत्संगियों का दावा है कि दीवार उनकी नहर की जमीन पर बनी है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:54 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:54 AM (IST)
Dispute of Wall: दयालबाग दीवार प्रकरण में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से किया जवाब तलब
दयालबाग में दीवार के विवाद में आमने सामने प्रशासन और सत्‍संगी। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग में राधा बाग के पास प्रशासन द्वारा ढहाई दीवार को लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन से पूछा है कि दीवार को ढहाने से पहले उसने क्या विधिक प्रक्रिया अपनाई थी। कोर्ट ने सरकार से तीन अगस्त तक जवाब दाखिल करने की कहा है। इसके साथ ही दीवार को लेकर 12 अगस्त तक यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है।

दयालबाग में राधा बाग के पास बनी दीवार को लेकर सत्संगियाें और प्रशासन के बीच विवाद चल रहा है। प्रशासन का कहना है कि दीवार चक रोड पर अतिक्रमण करके बनाई गई है। जबकि सत्संगियों का दावा है कि दीवार उनकी नहर की जमीन पर बनी है। उन्होंने अपनी जमीन पर निजी नहर बनाने के लिए अंग्रेजी शासनकाल में वर्ष 1935 में तत्कालीन सरकार से एग्रीमेंट किया था। जबकि चक रोड वर्ष 1963 में बनी थी।

तहसील सदर की टीम ने इस साल मार्च में दीवार को ढहा दिया था। इसे लेकर सत्संगियों ने थाने का षेराव किया था। वहीं प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।प्रशासन ने शनिवार को थाना दिवस में शिकायत के बाद दीवार पर बुलडोजर चला दिया था। सत्संगियों द्वारा दोबारा दीवार बनाने पर लेखपाल ने राधा स्वामी सत्संग सभा के सचिव जीपी सत्संगी समेत छह नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

राधा स्वामी सत्संग सभा के सचिव जीपी सत्संगी ने बताया कि याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि प्रशासन ने दीवार तोड़ने से पहले क्या विधिक प्रक्रिया अपनाई थी। याची को अपना पक्ष रखने का मौका दिया कि नहीं।सचिव ने बताया कि प्रशासन ने दीवार तोड़ने से पहले कोई नोटिस या अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया। हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन को तीन अगस्त तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। जबकि दीवार को लेकर 12 अगस्त तक यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया ह।

दीवार के पास फोर्स तैनात

शनिवार को तहसील की टीम द्वारा दीवार गिराने पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। सत्संगियों ने अगले दिन सुबह दीवार को दोबारा बना दिया था। उनका कहना था कि यह दीवार प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का संकेतात्मक विराेध है। शनिवार की घटना के बाद से वहां पर पुलिस तैनात कर दी है। 

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